2018 में हर घंटे चार नाबालिग़ बनीं दरिंदगी का शिकार: NCRB

by Rahul Gautam 4 years ago Views 3077

Cases of sexual violence against minors increase:
NCRB के नए आंकड़ें तस्दीक़ करते हैं देश में लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक 2018 में देशभर में बच्चियों के खिलाफ यौन हिंसा के 38 हज़ार 802 मामले सामने आए. आसान शब्दों में कहे तो हर घंटे 4 नाबालिग दरिंदगी का शिकार बनी।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के नए आंकड़े बताते हैं कि 2017 में देशभर में बच्चियों के ख़िलाफ यौन हिंसा के 33 हज़ार मामले आए थे जो 2018 में बढ़कर 38 हज़ार 802 हो गए. इनमें 21 हज़ार 401 मामले बलात्कार, 14 हज़ार 124 मामले यौन हिंसा, 1 हज़ार 651 मामले यौन उत्पीड़न, 790 मामले चाइल्ड पोर्नोग्राफी, 41 मामले अप्राकृतिक संबंध और 819 अन्य मामले दर्ज हुए.


महाराष्ट्र में हालात बेहद ख़राब हैं जहां पॉक्सो एक्ट के तहत 6 हज़ार 135 मामले दर्ज किए गए. इनमें 2832 बलात्कार के मामले थे. इसी तरह यूपी में पॉक्सो एक्ट के 5306 मामले आए जिनमें 1978 मामले बलात्कार के थे. मध्य प्रदेश में दर्ज पॉक्सो एक्ट के 2391 मामलों में से 1044 मामले बलात्कार के थे. पश्चिम बंगाल में पॉक्सो एक्ट के 2240 मामलों में 1365 बलात्कार के थे.  गुजरात में पॉक्सो एक्ट के 2127 मामलों में से 1455 मामले बलात्कार के थे।

बिहार में पॉक्सो एक्ट के 2079 मामलों में से 824 मामले बलात्कार के थे. कर्नाटक में पॉक्सो एक्ट के 1986 मामलों में से 1402 मामले बलात्कार के थे। दिल्ली में पॉक्सो एक्ट के 1736 मामले सामने आए जिनमें 983 मामले रेप के थे। ओडिशा में 1886 मामले पॉक्सो के तहत दर्ज हुए जिनमे 1427 मामले रेप के थे। छत्तीसगढ़ में पॉक्सो के 1803 मामलों में से 1213 मामले बलात्कार के थे। 

बच्चियों की सुरक्षा के मामले में गोवा, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू एंड कश्मीर सबसे सुरक्षित राज्य रहे जहां पॉक्सो एक्ट के तहत कुल 72 मामले दर्ज हुए। ज़ाहिर है तमाम वादों और योजनाओ के बावजूद, महिला सुरक्षा अभी भी केवल एक चुनावी मुद्दा ही है।  

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