जेल से घर लौटने के बाद चंपक की मां के बाग़ी तेवर बरकरार
विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ 19 दिसंबर को वाराणसी में प्रदर्शन करने वाले सभी 56 लोगों को ज़मानत मिल गई है. इनमें 16 महीने की बच्ची चंपक की मां एकता और पिता रवि भी शामिल हैं. ज़मानत मिलने के बाद एकता ने बताया कि बच्ची से दूर जेल में रहना उनके लिए कितना तकलीफ़देह था.
16 महीने की बच्ची चंपक की मां एकता और पिता रवि वाराणसी की जेल में 14 दिन काटकर घर वापस लौट आए हैं. चंपक अपनी मां का दूध पीती थी लेकिन मां के जेल जाने से उसकी ख़ुराक़ कम हो गई थी. 14 दिन बाद अपनी मां की गोद में पहुंचकर चंपक चहचहा रही है. एकता ने बताया कि अपनी बेटी चंपक से दूर रहकर जेल में उनके दिन कितने मुश्किल से कटे.
मगर इन तकलीफ़ों के बावजूद नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ एकता शेखर के बाग़ी तेवर बरक़रार हैं. चंपक की दादी शीला तिवारी ने कहा जब मोदी-योगी का परिवार नहीं है. उनके बच्चे नहीं हैं तो उन्हें इस दर्द का अंदाज़ा कैसे होगा. वीडियो देखिये चंपक की मां एकता और पिता रवि को वाराणसी पुलिस ने 19 दिसंबर को बेनियाबाग इलाके से हिरासत में लिया था जो सैकड़ों लोगों के साथ विवादित नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में सड़क पर उतरे थे. वाराणसी पुलिस ने एकता और रवि के अलावा 54 अन्य लोगों को गिरफ़्तार किया था लेकिन अब सभी को ज़मानत मिल गई है.
मगर इन तकलीफ़ों के बावजूद नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ एकता शेखर के बाग़ी तेवर बरक़रार हैं. चंपक की दादी शीला तिवारी ने कहा जब मोदी-योगी का परिवार नहीं है. उनके बच्चे नहीं हैं तो उन्हें इस दर्द का अंदाज़ा कैसे होगा. वीडियो देखिये चंपक की मां एकता और पिता रवि को वाराणसी पुलिस ने 19 दिसंबर को बेनियाबाग इलाके से हिरासत में लिया था जो सैकड़ों लोगों के साथ विवादित नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में सड़क पर उतरे थे. वाराणसी पुलिस ने एकता और रवि के अलावा 54 अन्य लोगों को गिरफ़्तार किया था लेकिन अब सभी को ज़मानत मिल गई है.
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