NIT मिज़ोरम में ख़राब खाने से छात्र परेशान, हड़ताल पर बैठे
NIT मिजोरम के छात्र पिछले एक महीने से खाने की दिक्कतों से जूझ रहे हैं, जिसको लेकर अब छात्रों ने अनिश्चितकालिन हड़ताल शुरु कर दी है। वहीं कॉलेज प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए है।
हाथों में तख्तियां लेकर सड़कों पर निकले, ये छात्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मिज़ोरम के हैं, जो बीते एक महीने से खाने की समस्या से जूझ रहे हैं। इनकी मांग बस इतनी है कि इन्हें अच्छे खाने के साथ हर रोज़ खाना वक्त पर दिया जाए ताकि ये बीमार ना पड़ें और अपनी पढ़ाई ठीक ढंग से कर सकें। छात्रों से एडमिशन के वक्त 13 हज़ार रुपए मेस फीस के नाम पर कॉलेज ने जमा तो करवा लिए लेकिन अब कायदे का खाना तो दूर कई बार तो छात्रों को खाना तक नहीं दिया जा रहा।
वीडियो देखिये स्टूडेंट्स का कहना है कि हम अपने घरों से दूर यहां पढ़ने आए हैं ताकि भविष्य वे कुछ कर सकें लेकिन यहां मेस में खाने की काफी दिक्कत हो रही है और इसे लेकर कई बार वार्डन कमेटी से शिकायत भी की। धरना भी दिया लेकिन उसका कोई असर होता नहीं दिखा। वार्डन कमेटी में शामिल लोगों का कहना है कि खाना छात्र खुद ही मेस में बना लें। हमारे पास फिलहाल इस समस्या का और कोई समाधान नहीं है। हफ्ते में एक दिन या कम से कम दो दिन उन्हें खाना नहीं मिल रहा है। छात्रों का कहना है कि यहां करीब पांच सौ स्टूडेट्स देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर पढ़ाई कर रहे हैं। जिनको अपने आने वाले कल की फ्रिक है। छात्रों से अपनी समस्या को लेकर कई ट्वीट भी किये और अब सड़कों पर निकले हैं इस आस के साथ की शायद कोई इनकी सुध ले सके और इनकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द इन्हें मिल सके। 31 मार्च 2018 को NIT मिज़ोरम में दूषित खाना खाने से एक छात्र की मौत हो गई थी। देवशरण की मौत से लग रहा था कि शायद यहां कॉलेज अपनी गलती को सुधारेगा और खाने की दिक्कत से परेशान छात्रों को राहत मिलेगी लेकिन कॉलेज प्रशासन का रवैय्या जस का तस बना हुआ है।
हाथों में तख्तियां लेकर सड़कों पर निकले, ये छात्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मिज़ोरम के हैं, जो बीते एक महीने से खाने की समस्या से जूझ रहे हैं। इनकी मांग बस इतनी है कि इन्हें अच्छे खाने के साथ हर रोज़ खाना वक्त पर दिया जाए ताकि ये बीमार ना पड़ें और अपनी पढ़ाई ठीक ढंग से कर सकें। छात्रों से एडमिशन के वक्त 13 हज़ार रुपए मेस फीस के नाम पर कॉलेज ने जमा तो करवा लिए लेकिन अब कायदे का खाना तो दूर कई बार तो छात्रों को खाना तक नहीं दिया जा रहा।
वीडियो देखिये स्टूडेंट्स का कहना है कि हम अपने घरों से दूर यहां पढ़ने आए हैं ताकि भविष्य वे कुछ कर सकें लेकिन यहां मेस में खाने की काफी दिक्कत हो रही है और इसे लेकर कई बार वार्डन कमेटी से शिकायत भी की। धरना भी दिया लेकिन उसका कोई असर होता नहीं दिखा। वार्डन कमेटी में शामिल लोगों का कहना है कि खाना छात्र खुद ही मेस में बना लें। हमारे पास फिलहाल इस समस्या का और कोई समाधान नहीं है। हफ्ते में एक दिन या कम से कम दो दिन उन्हें खाना नहीं मिल रहा है। छात्रों का कहना है कि यहां करीब पांच सौ स्टूडेट्स देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर पढ़ाई कर रहे हैं। जिनको अपने आने वाले कल की फ्रिक है। छात्रों से अपनी समस्या को लेकर कई ट्वीट भी किये और अब सड़कों पर निकले हैं इस आस के साथ की शायद कोई इनकी सुध ले सके और इनकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द इन्हें मिल सके। 31 मार्च 2018 को NIT मिज़ोरम में दूषित खाना खाने से एक छात्र की मौत हो गई थी। देवशरण की मौत से लग रहा था कि शायद यहां कॉलेज अपनी गलती को सुधारेगा और खाने की दिक्कत से परेशान छात्रों को राहत मिलेगी लेकिन कॉलेज प्रशासन का रवैय्या जस का तस बना हुआ है।
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