एनडीएमसी के 200 कर्मचारियों के एटीएम की क्लोनिंग हुई, अकाउंट से पैसे उड़े
राजधानी दिल्ली एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से रक़म निकालने वाले ठगों का गढ़ बनती जा रही है. अब नए मामले में ठगों ने एनडीएमसी के 200 से ज़्यादा कर्मचारियों से अकाउंट से रक़म उड़ा ली. सबसे ज़्यादा शिकार एसबीआई का एटीएम रखने वालों को बनाया गया है.
देशभर में एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नेटबैंकिंग के ज़रिए होने वाले फ्रॉड के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. अब नई दिल्ली नगरपालिका परिषद यानी एनडीएमसी के 200 कर्मचारियों के अकाउंट से लाखों की रक़म उड़ा ली गई. एनडीएमसी एंपलॉइज़ यूनियन ने कहा है कि ज़्यादातर धोखाधड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम की क्लोनिंग करके की गई है. एनडीएमसी ने एक बयान जारीकर कहा कि नया मामला एनडीएमसी के कर्मचारी अमीर यादव का है जिनके अकाउंट से 15 हज़ार रुपए उड़ गए. ठगों ने साउथ दिल्ली के मुनीरका इलाक़े के एक एटीएम से 7 फरवरी की रात आठ बजकर 23 मिनट रुपए निकाले. अमीर यादव ने इसकी एफआईआर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है. एनडीएमसी की यूनियन का दावा है कि ऐसी वारदात एनडीएमसी के 200 से ज़्यादा कर्मचारियों के साथ हो चुकी है.
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश आंकड़े बताते हैं कि देशभर में एटीएम, नेट बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाली ठगी में 50 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. और ऐसी ठगी के सबसे ज़्यादा मामले राजधानी दिल्ली में दर्ज हुए हैं. साल 2018-19 में आनलाइन ठग आम जनता की मेहनत का 149 करोड़ रुपए उड़ा ले गए. नए आंकड़ों के मुताबिक साल 2017-18 में नेटबैंकिंग और कार्ड फ्रॉड के 34,791 मामलों में 169 करोड़ रुपए गंवाए. वहीं 2018-19 में फ्रॉड के मामले बढ़कर 52,304 हो गए लेकिन ठगी गई रक़म घटकर 149 करोड़ रह गई. इनमें सबसे ज़्यादा 3,164 मामले राजधानी दिल्ली में दर्ज हुए. वहीं महाराष्ट्र में 2,770, उत्तर प्रदेश में 1,446, पंजाब में 390 और गुजरात में 385 मामले दर्ज हुए. अगर बैंकों की बात करें तो ठगी से जुड़ी सबसे ज़्यादा 2,468 शिक़ायतें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को मिली. वहीं आईडीबीआई में बैंक फ्रॉड में 1,778, बैंक ऑफ बड़ौदा में 1,717, पंजाब नेशनल बैंक में 1,270 और बैंक ऑफ इंडिया में 871 मामले दर्ज किए गए. वहीं आरबीआई से मिले नए आंकड़े बताते हैं कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों अप्रैल-दिसंबर के बीच 18 सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी के 8,926 मामले सामने आए. इस दौरान बैंकों को 1 लाख 17 हज़ार करोड़ रुपये की चपत लगी. वीडियो देखिये साल दर साल ऑनलाइन और कार्ड फ्रॉड के मामलों में दर्ज हो रही बढ़ोतरी बताती है कि बैंकिंग सिस्टम के मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर में बहुत सारी ख़ामियां है जिन्हें फौरन दूर किया जाना चाहिए. ऑनलाइन ठगी के यह मामले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम डिजिटल इंडिया को भी धक्का पहुंचा रहे हैं.
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश आंकड़े बताते हैं कि देशभर में एटीएम, नेट बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाली ठगी में 50 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. और ऐसी ठगी के सबसे ज़्यादा मामले राजधानी दिल्ली में दर्ज हुए हैं. साल 2018-19 में आनलाइन ठग आम जनता की मेहनत का 149 करोड़ रुपए उड़ा ले गए. नए आंकड़ों के मुताबिक साल 2017-18 में नेटबैंकिंग और कार्ड फ्रॉड के 34,791 मामलों में 169 करोड़ रुपए गंवाए. वहीं 2018-19 में फ्रॉड के मामले बढ़कर 52,304 हो गए लेकिन ठगी गई रक़म घटकर 149 करोड़ रह गई. इनमें सबसे ज़्यादा 3,164 मामले राजधानी दिल्ली में दर्ज हुए. वहीं महाराष्ट्र में 2,770, उत्तर प्रदेश में 1,446, पंजाब में 390 और गुजरात में 385 मामले दर्ज हुए. अगर बैंकों की बात करें तो ठगी से जुड़ी सबसे ज़्यादा 2,468 शिक़ायतें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को मिली. वहीं आईडीबीआई में बैंक फ्रॉड में 1,778, बैंक ऑफ बड़ौदा में 1,717, पंजाब नेशनल बैंक में 1,270 और बैंक ऑफ इंडिया में 871 मामले दर्ज किए गए. वहीं आरबीआई से मिले नए आंकड़े बताते हैं कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों अप्रैल-दिसंबर के बीच 18 सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी के 8,926 मामले सामने आए. इस दौरान बैंकों को 1 लाख 17 हज़ार करोड़ रुपये की चपत लगी. वीडियो देखिये साल दर साल ऑनलाइन और कार्ड फ्रॉड के मामलों में दर्ज हो रही बढ़ोतरी बताती है कि बैंकिंग सिस्टम के मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर में बहुत सारी ख़ामियां है जिन्हें फौरन दूर किया जाना चाहिए. ऑनलाइन ठगी के यह मामले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम डिजिटल इंडिया को भी धक्का पहुंचा रहे हैं.
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