सूरत में प्रवासी मज़दूरों और पुलिस के बीच संघर्ष, आंसू गैस के गोले छोड़े गए

by Shahnawaz Malik 3 years ago Views 1539

Conflict between migrant laborers and policemen in
गुजरात के कारोबारी शहर सूरत में प्रवासी मज़दूर और पुलिसकर्मियों के बीच एक बार फिर झड़प हुई. शहर के कडोदरा इलाक़े में सैकड़ों प्रवासी मज़दूर घर जाने की मांग लेकर जमा हो गए. जवाबी कार्रवाई के इरादे से पहुंची सूरत पुलिस ने इनपर लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े और पत्थरबाज़ी की.

इससे मज़दूरों का ग़ुस्सा भड़क गया और तोड़फोड़ होने लगी. सूरत पुलिस के मुताबिक हालात क़ाबू में कर लिए गए हैं. फिलहाल पूरे इलाक़े में तनाव बना हुआ है.


कपड़ा उद्योग और हीरा उद्योग के लिए मशहूर सूरत में बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर रहते हैं. मगर लॉकडाउन की वजह से कारख़ाने बंद हैं और इनके पास दो वक़्त का पेट भरने का भी इंतेज़ाम नहीं है. मज़दूरों को पेट भरने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है.

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यही वजह कि ज़्यादातर मज़दूर अपने गृह राज्यों को लौटना चाहते हैं. घर जाने की मांग को लेकर बार-बार टकराव के हालात पैदा हो रहे हैं. इससे पहले 28 अप्रैल को सैकड़ों मज़दूरों ने जबरन काम करवाने का आरोप लगाते हुए एक हीरा कंपनी पर पथराव किया था. हज़ारों की तादाद में जमा मज़दूरों ने आरोप लगाया कि कंपनी उनसे जबरन काम ले रही है जबकि वे अपने राज्य वापस जाना चाहते हैं. इस दौरान जब पुलिस मौक़े पर पहुंची तो टकराव का माहौल बन गया था.

घर वापसी के लिए सूरत में मज़दूरों का पहला हिंसक प्रदर्शन 10 अप्रैल की शाम को हुआ था. इस दौरान आगज़नी भी हुई और 60 से ज़्यादा मज़दूर हिरासत में लिए गए थे. मज़दूर अपनी तनख़्वाह और गांव वापसी की मांग कर रहे थे.

पीएम मोदी ने 14 अप्रैल की सुबह राष्ट्र को संबोधित करते हुए लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया था. उस शाम को सूरत में बड़ी संख्या में मज़दूर सड़क पर उतर आए थे.

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