राम मंदिर निर्माण में अब हिस्सेदारी को लेकर टकराव, निर्मोही अखाड़ा नाराज़
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर ट्रस्ट बनाने की कवायद शुरू हो गयी है। लेकिन निर्मोही अखाड़ा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाख़ुश है. अखाड़े का मानना है कि वो राम मंदिर निर्माण आंदोलन में सबसे पुराना पक्षकार है लेकिन इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने उसका दावा खारिज कर दिया जिससे मंदिर निर्माण में उसकी भूमिका भी बेहद सीमित हो गई है.
निर्मोही अखाड़ा के सरपंच राजा रामचंद आचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया लेकिन यह भी कहा कि फैसले में निर्मोही अखाड़े की अनदेखी हुई है और वो संतुष्ट नहीं हैं। निर्मोही अखाड़ाराम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में अहम भूमिका चाहता है जिसका निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया है. अखाड़े ने केंद्र सरकार से पूछा है कि ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े की क्या भूमिका होगी। माना जा रहा है कि अगर अखाड़ा अपनी भूमिका को लेकर संतुष्ट नहीं हुआ तो इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकता है.
वीडियो देखिये मंदिर निर्माण के लिए बनाये जाने वाले ट्रस्ट में गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की अहम भूमिका रहेगी लेकिन सरकार कानूनी सलाहकारों से बातचीत करने के बाद ही प्रस्तावित ट्रस्ट की रूप-रेखा तय करेगी। अब देखना यह है कि मंदिर निर्माण का अभियान ज़ोर पकड़ने पर इससे जुड़े पक्षकार एकजुटता दिखाते हैं या नहीं.
वीडियो देखिये मंदिर निर्माण के लिए बनाये जाने वाले ट्रस्ट में गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की अहम भूमिका रहेगी लेकिन सरकार कानूनी सलाहकारों से बातचीत करने के बाद ही प्रस्तावित ट्रस्ट की रूप-रेखा तय करेगी। अब देखना यह है कि मंदिर निर्माण का अभियान ज़ोर पकड़ने पर इससे जुड़े पक्षकार एकजुटता दिखाते हैं या नहीं.
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