कांग्रेस ने दिल्ली में बढ़ती हिंसा के लिए गृहमंत्री अमित शाह को ज़िम्मेदार ठहराया
दिल्ली में हो रही घोर हिंसा, जानमाल के नुकसान व हर रोज बिगड़ती स्थिति गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आज कांग्रेस कार्यसमिति की एक आपातकालीन बैठक हुई।
पिछले इतवार से हो रहे लगातार दर्दनाक हादसों के पीछे एक सोचा समझा षडयंत्र है। इस साजिश को देश ने दिल्ली के चुनाव के दौरान भी देखा। भारतीय जनता पार्टी के अनेकों नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर डर तथा नफरत का माहौल फैलाया। एक ऐसा बयान, एक भाजपा नेता के द्वारा पिछले इतवार को भी दिया गया, जब उसने दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि, ‘तीन दिन बीतने के बाद हमें कुछ नहीं कहना’।
पिछले 72 घंटे में केंद्र व प्रांतीय सरकार द्वारा जानबूझकर कुछ कार्यवाही न करने के कारण 20 से अधिक जिंदगियां जा चुकी हैं, दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल की जान गई है व एक पत्रकार सहित सैकड़ों अस्पताल में गंभीर चोटों के साथ भर्ती हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली में चारों ओर हिंसा का तांडव फैला है। कांग्रेस कार्यसमिति सब परिवारों के साथ अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है, जिन्होंने परिवार के सदस्यों को खोया है व सब घायलों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करती है। पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार, खासतौर से गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। फौरन तौर से जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री को अपना इस्तीफा देना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री व दिल्ली सरकार भी शांति और सद्भाव बनाए रखने में पूरी तरह से विफल होने के जिम्मेदार हैं। दोनों सरकारों की जिम्मेदारी निभाने में विफलता के कारण देश की राजधानी इस त्रासदी का शिकार बनी है। कांग्रेस कार्यसमिति देश की ओर से सवाल पूछती हैः- 1. पिछले इतवार से देश के गृहमंत्री कहां थे और वो क्या कर रहे थे? 2. पिछले इतवार से दिल्ली के मुख्यमंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? 3. दिल्ली चुनाव के बाद इंटैलिजेंस एजेंसीज़ के द्वारा क्या जानकारी दी गई और उन पर क्या कार्यवाही हुई? 4. इतवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स दंगों वाले इलाके में लगाई गई, जब यह साफ था कि दंगे और फैल रहे हैं? 5. जब दिल्ली में हालात बेकाबू हो गए थे व पुलिस का कंट्रोल नहीं बचा था, तो ऐसे में और central paramilitary forces क्यों नहीं बुलाई गई? कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि यह स्थिति काफी गंभीर है और इस पर तत्काल संज्ञान लिए जाने की जरूरत है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तत्काल अतिरिक्त सुरक्षा बल को लगाया जाना चाहिए। हर मोहल्ले में शांति समितियां बनाई जानी चाहिए, जिनमें हर समुदाय के सदस्य हों, ताकि इस तरह की अनपेक्षित घटनाएं आगे न हों। प्रशासनिक व्यवस्था सम्हालने के लिए हर जिले में वरिष्ठ सिविल सेवक तैनात किए जाने चाहिए, ताकि बिगड़ती हुई स्थिति के प्रति प्रशासनिक व्यवस्था तत्काल सक्रिय हो सके। दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और लोगों के निरंतर संपर्क में रहना चाहिए कांग्रेस कार्यसमिति दिल्ली के नागरिकों से आग्रह करती है कि वो नफरत की राजनीति को खारिज कर दें और इन और इन दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा की घटनाओं के कारण समाज में आई दरारों को फिर से पाटने का भरपूर प्रयास करें। हमें यह प्रयास करना होगा कि खोया हुआ सौहार्द्र पुनः स्थापित हो, ताकि इस तरह की घटना भविष्य में न हो पाए। कांग्रेस कार्यसमिति, दिल्ली व देश के सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं से अपील करती है कि वो दंगाग्रस्त इलाकों में जाकर हिंसा से आहत हर परिवार का ढाढस भी बंधाएं तथा उचित मदद भी करें। यह भी सुनिश्चित करें कि हिंसा की किसी घटना की पुनरावृत्ति सामाजिक समरसता को न तोड़ पाए। यही भारत माता असली जय होगी।
पिछले 72 घंटे में केंद्र व प्रांतीय सरकार द्वारा जानबूझकर कुछ कार्यवाही न करने के कारण 20 से अधिक जिंदगियां जा चुकी हैं, दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल की जान गई है व एक पत्रकार सहित सैकड़ों अस्पताल में गंभीर चोटों के साथ भर्ती हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली में चारों ओर हिंसा का तांडव फैला है। कांग्रेस कार्यसमिति सब परिवारों के साथ अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है, जिन्होंने परिवार के सदस्यों को खोया है व सब घायलों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करती है। पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार, खासतौर से गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। फौरन तौर से जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री को अपना इस्तीफा देना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री व दिल्ली सरकार भी शांति और सद्भाव बनाए रखने में पूरी तरह से विफल होने के जिम्मेदार हैं। दोनों सरकारों की जिम्मेदारी निभाने में विफलता के कारण देश की राजधानी इस त्रासदी का शिकार बनी है। कांग्रेस कार्यसमिति देश की ओर से सवाल पूछती हैः- 1. पिछले इतवार से देश के गृहमंत्री कहां थे और वो क्या कर रहे थे? 2. पिछले इतवार से दिल्ली के मुख्यमंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? 3. दिल्ली चुनाव के बाद इंटैलिजेंस एजेंसीज़ के द्वारा क्या जानकारी दी गई और उन पर क्या कार्यवाही हुई? 4. इतवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स दंगों वाले इलाके में लगाई गई, जब यह साफ था कि दंगे और फैल रहे हैं? 5. जब दिल्ली में हालात बेकाबू हो गए थे व पुलिस का कंट्रोल नहीं बचा था, तो ऐसे में और central paramilitary forces क्यों नहीं बुलाई गई? कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि यह स्थिति काफी गंभीर है और इस पर तत्काल संज्ञान लिए जाने की जरूरत है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तत्काल अतिरिक्त सुरक्षा बल को लगाया जाना चाहिए। हर मोहल्ले में शांति समितियां बनाई जानी चाहिए, जिनमें हर समुदाय के सदस्य हों, ताकि इस तरह की अनपेक्षित घटनाएं आगे न हों। प्रशासनिक व्यवस्था सम्हालने के लिए हर जिले में वरिष्ठ सिविल सेवक तैनात किए जाने चाहिए, ताकि बिगड़ती हुई स्थिति के प्रति प्रशासनिक व्यवस्था तत्काल सक्रिय हो सके। दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और लोगों के निरंतर संपर्क में रहना चाहिए कांग्रेस कार्यसमिति दिल्ली के नागरिकों से आग्रह करती है कि वो नफरत की राजनीति को खारिज कर दें और इन और इन दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा की घटनाओं के कारण समाज में आई दरारों को फिर से पाटने का भरपूर प्रयास करें। हमें यह प्रयास करना होगा कि खोया हुआ सौहार्द्र पुनः स्थापित हो, ताकि इस तरह की घटना भविष्य में न हो पाए। कांग्रेस कार्यसमिति, दिल्ली व देश के सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं से अपील करती है कि वो दंगाग्रस्त इलाकों में जाकर हिंसा से आहत हर परिवार का ढाढस भी बंधाएं तथा उचित मदद भी करें। यह भी सुनिश्चित करें कि हिंसा की किसी घटना की पुनरावृत्ति सामाजिक समरसता को न तोड़ पाए। यही भारत माता असली जय होगी।
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