पलायन कर रहे दिहाड़ी मज़दूर बोले, ‘दिल्ली में रहे तो भूख से मर जाएंगे’

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 3244

Daily wage workers exiting said, 'If you stay in D
लॉकडाउन का सबसे ज़्यादा ख़ौफ़ दिहाड़ी मज़दूरों में है जो दिनभर मेहनत करते हैं, तब शाम को घर का चूल्हा जलता है. देश में दिहाड़ी मज़दूरों की तादाद करोड़ों में है जिनके घरों में 21 दिनों की रसद नहीं होती ही नहीं. राजधानी दिल्ली और अन्य महानगरों के दिहाड़ी मज़दूरों को समझ नहीं आ रहा कि अगले 21 दिन उनका परिवार क्या खाएगा. यही वजह है कि हर दिन बड़े पैमाने पर दिहाड़ी मज़दूर पलायन कर रहे हैं. सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों के लिए सामान समेटकर निकल गए हैं.

दिल्ली ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मज़दूरों का एक जत्था उत्तर प्रदेश के लिए निकलता हुआ दिखा. इस जत्थे में शामिल महिला ने कहा कि उनके पास न तो पैसा है और न ही काम. ऐसे में परिवार खाएगा क्या. अगर हम दिल्ली से पलायन नहीं करेंगे तो भूख से मर जाएंगे.


16 साल का नाबालिग शांति पाल दिल्ली के एंड्र्यूज़ गंज इलाक़े में छोटे भटूरे का ठेला लगाता था. लॉकडाउन होने के बाद उसकी दुकान बंद हो गई है और अब वो पैदल अपने घर के लिए निकल चुका है. शांति पाल यूपी के बंदायूं का रहने वाला है और दिल्ली से बंदायूं की दूरी 285 किलोमीटर है.

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