कोरोनाकाल में अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकालने का फरमान, भारत की मुश्किलें बढ़ीं
कोरोनावायरस से ख़िलाफ़ दुनियाभर में जारी जंग के बीच अमेरिका ने भारत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ट्रंप प्रशासन चाहता है कि अमेरिका में अवैध तरीक़े से रह रहे लोगों को एक हफ्ते के भीतर ही डिपोर्ट कर दिया जाए। ट्रंप प्रशासन से धमकी भरे लहज़े में कहा है कि ऐसा ना करने वाले देशों को नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। ट्रंप प्रशासन के इस फरमान से भारत की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय अवैध तरीक़े से रह रहे हैं।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में भारतीय नागरिक चौथा सबसे बड़ा अवैध प्रवासी समूह है। इनकी कुल संख्या अमेरिका में तक़रीबन 4 लाख 70 हज़ार है। इतनी बड़ी अवैध आबादी को वापस बुलाना ऐसे समय में बेहद मुश्किल है जब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी लगी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगर ट्रंप प्रशासन अपना फैसला नहीं बदलता है या भारत इंटरनेशनल ट्रैवल बैन नहीं हटाता है, तो आने वाले समय में भारतीयों को मिलने वाले वीज़ा में ज़बरदस्त कटौती की जा सकती है। अब भारत सरकार ट्रंप सरकार को समझाने में लगी है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा शुरू होते ही वो अवैध भारतीयों का डिपोर्टेशन शुरू करेगी। आंकड़े बताते हैं कि साल 2010 के बाद से अमेरिका में अवैध भारतीयों की संख्या में 75 फ़ीसदी का उछाल आया है। अमेरिका में सबसे ज़्यादा घुसपैठ उसके पड़ोसी देशों मेक्सिको, एल स्लवाडोर और ग्वाटेमाला जैसे देशों से होती है जबकि भारतीय नागरिक तक़रीबन 15,000 किलोमीटर का चक्कर लगाकर घुसपैठ की कोशिश करते हैं। पिछले साल अक्टूबर में तक़रीबन 300 भारतीयों को अमेरिका-मैक्सिको की सीमा से पकड़कर वापस दिल्ली डिपोर्ट किया गया था। इनमें ज़्यादातर लोग हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों से थे जो ट्रैवेल एजेंट्स को लाखों की रकम चुकाकर बेहतर ज़िंदगी की उम्मीद में अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे थे। वीडियो देखिए अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर पेट्रोल के मुताबिक साल 2018 में लगभग 9000 भारतीय नागरिकों को अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर पकड़ा गया जो अवैध तरीके से अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे थे। आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में भारतीय नागरिकों की घुसपैठ हाल के वर्षों में तेज़ी से बढ़ी है। 2015 में लगभग 2700 भारतीय नागरिक मेक्सिको-अमेरिका के बॉर्डर पर पकड़े गए थे लेकिन 2018 में यह संख्या बढ़कर 8,977 हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगर ट्रंप प्रशासन अपना फैसला नहीं बदलता है या भारत इंटरनेशनल ट्रैवल बैन नहीं हटाता है, तो आने वाले समय में भारतीयों को मिलने वाले वीज़ा में ज़बरदस्त कटौती की जा सकती है। अब भारत सरकार ट्रंप सरकार को समझाने में लगी है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा शुरू होते ही वो अवैध भारतीयों का डिपोर्टेशन शुरू करेगी। आंकड़े बताते हैं कि साल 2010 के बाद से अमेरिका में अवैध भारतीयों की संख्या में 75 फ़ीसदी का उछाल आया है। अमेरिका में सबसे ज़्यादा घुसपैठ उसके पड़ोसी देशों मेक्सिको, एल स्लवाडोर और ग्वाटेमाला जैसे देशों से होती है जबकि भारतीय नागरिक तक़रीबन 15,000 किलोमीटर का चक्कर लगाकर घुसपैठ की कोशिश करते हैं। पिछले साल अक्टूबर में तक़रीबन 300 भारतीयों को अमेरिका-मैक्सिको की सीमा से पकड़कर वापस दिल्ली डिपोर्ट किया गया था। इनमें ज़्यादातर लोग हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों से थे जो ट्रैवेल एजेंट्स को लाखों की रकम चुकाकर बेहतर ज़िंदगी की उम्मीद में अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे थे। वीडियो देखिए अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर पेट्रोल के मुताबिक साल 2018 में लगभग 9000 भारतीय नागरिकों को अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर पकड़ा गया जो अवैध तरीके से अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे थे। आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में भारतीय नागरिकों की घुसपैठ हाल के वर्षों में तेज़ी से बढ़ी है। 2015 में लगभग 2700 भारतीय नागरिक मेक्सिको-अमेरिका के बॉर्डर पर पकड़े गए थे लेकिन 2018 में यह संख्या बढ़कर 8,977 हो गई।
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