दिल्ली चुनाव 2020 - ज़हरीला चुनाव प्रचार

by Ankush Choubey 4 years ago Views 1890

Delhi election: poisonous election campaign
दिल्ली में विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एकतरफा जीत दर्ज की है। लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा लोगों को हिंसा के लिए भड़काने और उकसाने वाले बयान भी दिए गए थे जिसका नतीजा यह रहा कि शाहीन बाग़ और जामिया में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी चल गई। हिंसा भड़काने और उकसाने वाले बयान देने वालों में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा और बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा शामिल है।

दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई है। भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी ने दावा किया था कि वो दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। नतीजे आने के बाद पार्टी डबल डिजिट में भी नहीं पहुंच पाई और 10 से कम सीटों पर ही सिमट गई। लेकिन चुनाव जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी  ने 20 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री, 5 से ज्यादा मुख्यमंत्री और कई सांसदों को पार्टी के प्रचार में उतरा था उन्होंने खुलेआम सांप्रदायिक और हिंसा भड़काने वाले बयान दिए। ऐसी बयानबाज़ी करने वालों में ख़ुद गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। जिन्होंने बाबरपुर में लोगों से अपील की कि ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाएं कि करंट शाहीन बाग़ के अंदर लगे.


केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने रिठाला में प्रचार के दौरान भड़काऊ नारा लगाया और बीजेपी के समर्थकों को गोली मारने के लिए उकसाया। जिसके बाद चुनाव आयोग ने अनुराग ठाकुर पर कार्रवाई करते हुए उनके प्रचार पर 72 घंटे का बैन लगा दिया था।

पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीनबाग में जारी विरोध-प्रदर्शन को आधार बनाकर भड़काऊ बयान दिया. उन्होंने कहा कि शाहीन बाग़ के लोग घर में घुसकर बहन-बेटियों का रेप और उनकी हत्या करेंगे. जिसके बाद चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए उनके प्रचार पर 96 घंटा का बैन लगा दिया था। भड़काऊ नारे की शुरुआत दिल्ली के मॉडल टाउन से बीजेपी प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने की थी. कनॉट प्लेस में अपने समर्थकों के साथ गोली मारो गद्दारों को जैसे नारे लगाए थे।

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कपिल मिश्रा यहीं नहीं रुके उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तुलना भारत-पाकिस्तान युद्ध से कर दी. इससे नाराज़ चुनाव आयोग ने कपिल मिश्रा को फटकार लगाते हुए उनपर 48 घंटों तक प्रचार पर रोक भी लगा दी। अगर ये कहा जाए की दिल्ली का चुनाव अब तक के सबसे गंदे और घटिया चुनाव प्रचार के लिए याद किया जाएगा तो ग़लत नहीं होगा।

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