जेंडर वायलेंस सीन्स पर डिस्क्लेमर चलने की मांग
फिल्मों में जब शराब सिगरेट पीने के सीन दिखाए जाते हैं तब उन सीन्स पर एक डिस्क्लेमर भी साथ में चलता है। अब महिला अधिकार संगठनों ने मांग की है कि जेंडर वायलेंस के सीन आने पर भी डिस्क्लेमर साथ में चलने चाहिए. ब्रेकथ्रू नाम की एक एनजीओ ने इसके लिए एक ऑनलाइन पिटिशन भी शुरू की है.
महिला अधिकार संगठनों की मांग है कि फिल्मों में जेंडर वायलेंस के सीन आने पर फिल्मों में उसी तरह डिस्क्लेमर चलने चाहिए जिस तरह शराब और सिगरेट पीने के सीन पर चलते हैं. हाल ही में एक एनजीओ ब्रेकथ्रू ने इसके लिए एक ऑनलाइन पिटिशन भी शुरू की है.
इसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन से मांग की गई है कि फिल्मों में दिखाए जाने वाले हिंसक दृश्यों की पहचान होनी चाहिए. साथ ही, उनपर डिस्क्लेमर भी होना चाहिए. इस पिटिशन पर अब तक 50 हज़ार से ज़्यादा लोग सिग्नेचर कर चुके हैं. पिटिशन के अलावा एक ओपन लेटर भी change.org और ourdemocracy.in पर जारी किया गया है। ब्रेकथ्रू की प्रेज़िडेंट और सीईओ सोहिनी भट्टाचार्य का कहना है कि वो इस पिटिशन पर आई लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रियाओं से काफी खुश हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यकीन हैं कि ऐसी पहल जेंडर वायलेंस को कम करने में ज़रूर कारगर साबित होगी.
इसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन से मांग की गई है कि फिल्मों में दिखाए जाने वाले हिंसक दृश्यों की पहचान होनी चाहिए. साथ ही, उनपर डिस्क्लेमर भी होना चाहिए. इस पिटिशन पर अब तक 50 हज़ार से ज़्यादा लोग सिग्नेचर कर चुके हैं. पिटिशन के अलावा एक ओपन लेटर भी change.org और ourdemocracy.in पर जारी किया गया है। ब्रेकथ्रू की प्रेज़िडेंट और सीईओ सोहिनी भट्टाचार्य का कहना है कि वो इस पिटिशन पर आई लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रियाओं से काफी खुश हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यकीन हैं कि ऐसी पहल जेंडर वायलेंस को कम करने में ज़रूर कारगर साबित होगी.
Latest Videos