क्या बीजेपी नेताओं का करोड़ों बांग्लादेशी घुसपैठियों का दावा हवा हवाई है?
गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के बड़े चुनावी रैलियों में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा ज़ोर-शोर से उछालते हैं लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और कहानी बयां करते हैं. संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ और देश में इनकी धरपकड़ की संख्या में तेज़ी से कमी आई है.
केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी चुनावों में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा ख़ूब उछालती है. गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता देश में अवैध बांग्लादेशियों की संख्या करोड़ों में बताते हैं लेकिन केंद्र सरकार के पास इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है. उल्टा संसद में पेश आंकड़ों से पता चलता है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की शिनाख़्त कर उन्हें वापस उनके देश में भेजने की संख्या घटी है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में 5 हज़ार 930 बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस उनके देश भेजा गया और साल दर साल यह आंकड़ा घट रहा है. 2016 में 5147, 2017 में 4706, 2018 में 3390 और 2019 में सिर्फ 2175 बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस उनके देश भेजा गया है.
वीडियो देखिये आंकड़े यह भी बताते हैं कि बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ में भी कमी आई है. 2015 में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 3,426 बंगलदेशी भारत में अवैध तरीके से घुसते हुए गिरफ्तार हुए थे लेकिन उसके बाद ये आंकड़ा घटने लगा। साल 2016 में 2075, 2017 में 1175, 2018 में 1118 और 2019 में यह आंकड़ा घटकर 1351 रह गया। इन आंकड़ों से पता चलता है कि बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ में तेज़ी से कमी आई है. इसकी एक वजह भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी है तो दूसरी वजह बांग्लादेश की मज़बूत होती अर्थव्यवस्था है. मानव विकास सूचकांक के कई इंडिकेटर्स बताते हैं कि बांग्लादेश भारत से बेहतर स्थिति में है. यहां पहले के मुक़ाबले जीवन स्तर काफी बेहतर हो गया है. इन तमाम आंकड़ों के बावजूद बीजेपी के मंत्री और बड़े नेता चुनावों में घुसपैठ का मुद्दा उछालकर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश करते हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने 23 सितंबर 2018 को दिल्ली में कहा था कि देश में 'करोड़ों की संख्या में घुसपैठिये हैं’ और क्या इन्हे बाहर नहीं निकालना चाहिए। बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने 12 सितंबर 2019 को कहा था कि अगर बंगाल में एनआरसी लागू हुआ तो, 2 करोड़ अवैध घुसपैठियों को देश छोड़कर जाना पड़ेगा। 2017 में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था की ममता बनर्जी ने 1.5 करोड़ से ज्यादा बंगलदेशियो को अवैध तरीके से बंगाल में बसाया है और बीजेपी इन सबको वापिस भेजेगी। हालांकि बीजेपी नेताओं के ऐसे दावे आधिकारिक आंकड़ों से मेल नहीं खाते.
वीडियो देखिये आंकड़े यह भी बताते हैं कि बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ में भी कमी आई है. 2015 में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 3,426 बंगलदेशी भारत में अवैध तरीके से घुसते हुए गिरफ्तार हुए थे लेकिन उसके बाद ये आंकड़ा घटने लगा। साल 2016 में 2075, 2017 में 1175, 2018 में 1118 और 2019 में यह आंकड़ा घटकर 1351 रह गया। इन आंकड़ों से पता चलता है कि बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ में तेज़ी से कमी आई है. इसकी एक वजह भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी है तो दूसरी वजह बांग्लादेश की मज़बूत होती अर्थव्यवस्था है. मानव विकास सूचकांक के कई इंडिकेटर्स बताते हैं कि बांग्लादेश भारत से बेहतर स्थिति में है. यहां पहले के मुक़ाबले जीवन स्तर काफी बेहतर हो गया है. इन तमाम आंकड़ों के बावजूद बीजेपी के मंत्री और बड़े नेता चुनावों में घुसपैठ का मुद्दा उछालकर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश करते हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने 23 सितंबर 2018 को दिल्ली में कहा था कि देश में 'करोड़ों की संख्या में घुसपैठिये हैं’ और क्या इन्हे बाहर नहीं निकालना चाहिए। बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने 12 सितंबर 2019 को कहा था कि अगर बंगाल में एनआरसी लागू हुआ तो, 2 करोड़ अवैध घुसपैठियों को देश छोड़कर जाना पड़ेगा। 2017 में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था की ममता बनर्जी ने 1.5 करोड़ से ज्यादा बंगलदेशियो को अवैध तरीके से बंगाल में बसाया है और बीजेपी इन सबको वापिस भेजेगी। हालांकि बीजेपी नेताओं के ऐसे दावे आधिकारिक आंकड़ों से मेल नहीं खाते.
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