भीमा कोरेगांव हिंसा में पूछताछ के लिए बुलाए गए डीयू प्रोफ़ेसर हैनी बाबू गिरफ़्तार
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की तफ़्तीश में जुटी नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक असोसिएट प्रोफ़ेसर हैनी बाबू को पूछताछ के बाद गिरफ़्तार कर लिया है. अपने बयान में एनआईए ने कहा कि हैनी बाबू नक्सली गतिविधियों और माओवादी विचारधारा के प्रचार प्रसार में लगे थे. वो भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों के साथ साज़िश में भी शामिल थे.
54 साल के डीयू प्रोफ़ेसर को एनआईए ने पूछताछ के लिए 14 जुलाई को समन किया था. हैनी बाबू 24 जुलाई को मुंबई पहुंचे थे लेकिन उन्हें पूछताछ के बाद गिरफ़्तार कर लिया गया. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में अब तक 12 हाई प्रोफाइल गिरफ़्तारियां हो चुकी हैं जबकि इस साल यह तीसरी गिरफ्तारी है. इसी साल दलित चिंतक और प्रोफ़ेसर आनंद तेलतुंबड़े और मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को भी गिरफ़्तार किया गया है.
एनआईए से पहले इस केस की जांच पुणे पुलिस कर रही थी जिसने जून 2018 में कई गिरफ़्तारियां की थीं. इनमें दिल्ली से एक गिरफ्तारी रोना विल्सन की हुई थी. पुणे पुलिस ने दावा किया था कि रोना विल्सन के पास से एक चिट्ठी बरामद हुई जिससे एक संदिग्ध अंडरकवर माओवादी नेता के बारे में पता चला और वह हैनी बाबू थे. इसके बाद सितंबर 2019 में पुणे पुलिस ने इसी मामले में नोएडा स्थित हैनी बाबू के घर पर छापेमारी की थी. तब उनका मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, पेन ड्राइव्स और दो किताबें ज़ब्त की गई थीं. और अब एनआईए ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है. प्रोफ़ेसर हैनी बाबू की पहचान एक एंटी कास्ट एक्टिविस्ट की है. उनकी गिरफ़्तारी पर शिक्षक और छात्र संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए फौरन रिहाई की मांग की है. हैनी बाबू की पत्नी जेनी रोवेना भी डीयू के मिरांडा हाउस में अंग्रेज़ी पढ़ाती हैं. इस कार्रवाई पर उन्होंने भी सवाल खड़े किए हैं.
एनआईए से पहले इस केस की जांच पुणे पुलिस कर रही थी जिसने जून 2018 में कई गिरफ़्तारियां की थीं. इनमें दिल्ली से एक गिरफ्तारी रोना विल्सन की हुई थी. पुणे पुलिस ने दावा किया था कि रोना विल्सन के पास से एक चिट्ठी बरामद हुई जिससे एक संदिग्ध अंडरकवर माओवादी नेता के बारे में पता चला और वह हैनी बाबू थे. इसके बाद सितंबर 2019 में पुणे पुलिस ने इसी मामले में नोएडा स्थित हैनी बाबू के घर पर छापेमारी की थी. तब उनका मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, पेन ड्राइव्स और दो किताबें ज़ब्त की गई थीं. और अब एनआईए ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है. प्रोफ़ेसर हैनी बाबू की पहचान एक एंटी कास्ट एक्टिविस्ट की है. उनकी गिरफ़्तारी पर शिक्षक और छात्र संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए फौरन रिहाई की मांग की है. हैनी बाबू की पत्नी जेनी रोवेना भी डीयू के मिरांडा हाउस में अंग्रेज़ी पढ़ाती हैं. इस कार्रवाई पर उन्होंने भी सवाल खड़े किए हैं.
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