कोरोना के चलते आर्थिक सेंसस 31 मार्च तक टला
सरकार के ऊपर आंकड़े छुपाने और उसकी बाज़ीगरी करने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन इस बार सरकार ने कोरोना वायरस के चलते कई सारे आर्थिक सर्वे को ताल दिया है जिसमें बेरोजगारी और पर्यटन से जुड़े सर्वे भी शामिल है। दरसअल, केंद्रीय साख्यिकी मंत्रालय सातवें आर्थिक सेन्सस के काम में पिछले साल जुलाई से लगा था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसकी रफ़्तार धीमी पड़ी है। बता दें, ये सर्वे असंगठित क्षेत्र के बारे में आंकड़े जुटाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं और इस काम में लगभग 10 लाख लोग लगे हुए हैं।
मंत्रालय की तरफ अब तक उन इलाकों में सर्वे रोकने का आदेश नहीं मिला है जहां कोरोना वायरस का प्रकोप नहीं है। बांकि सभी जगह जहा जहां कर्मियों को घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने पड़ते हैं, उन सभी गतिविधियों को फ़िलहाल 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले कई राज्य भी केंद्र सरकार से 1 अप्रैल से शुरू होने वाले सेन्सस 2021 और एनआरसी की प्रक्रिया की समीक्षा की बात कह चुके हैं।
बता दें, सातवें आर्थिक सेन्सस इस साल 5 साल के अंतराल के बाद हो रहा है। इस सर्वे के तहत मंत्रालय के कर्मी हर रिहायशी और कारोबारी संस्थान पर जाकर आंकड़े इकट्ठे करते हैं जोकि बाद में देश की नीति बनाने और असंगठित क्षेत्र जिसमें लगभग 90 फीसदी वर्कफोर्स काम करती है।
बता दें, सातवें आर्थिक सेन्सस इस साल 5 साल के अंतराल के बाद हो रहा है। इस सर्वे के तहत मंत्रालय के कर्मी हर रिहायशी और कारोबारी संस्थान पर जाकर आंकड़े इकट्ठे करते हैं जोकि बाद में देश की नीति बनाने और असंगठित क्षेत्र जिसमें लगभग 90 फीसदी वर्कफोर्स काम करती है।
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