GDP पूर्वानुमान घटकर 5 फीसदी, कांग्रेस बोली अर्थव्यवस्था पिछले 50 सालों में सबसे ख़राब
जीडीपी पूर्वानुमान घटकर 5 फीसदी, कांग्रेस बोली अर्थव्यवस्था पिछले 50 सालों में सबसे ख़राब
मंगलवार को जारी हुए सरकरी आंकड़ों से साफ़ होती देश की लडख़ड़ाती अर्थव्यस्था की तस्वीर पर अब कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया है। कांग्रेस का कहना है की देश की अर्थव्यवस्था इतनी बुरी हालत पिछले 50 सालो में कभी नहीं रही जिसका एहसास अब सरकार को भी हो रहा है।
देश की अर्थव्यस्था की हालत दिन प्रतिदिन पतली होती जा रही है। मंगलवार को जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी साल वित्त वर्ष 2019-20 में 6.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी रहने का अनुमान है।अब कांग्रेस नेता कपिल सिबल ने कहा है देश की असली ग्रोथ तो 5 फीसदी से भी कम है और जीएसटी और नोटेबंदी जैसे सरकारी फैसले से अर्थव्यस्था बर्बाद हो चुकी है।
आपको बता दे मंगलवार को जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी साल वित्त वर्ष 2019-20 में 5 फीसदी रहने का अनुमान है। साल 2018-19 में यही दर 6.8 फीसदी थी। आसान शब्दों में कहे तो देश आर्थिक मोर्चे पर लुढ़क रहा है। इसके अलावा आने वाले साल में निवेश वृद्धि दर 0.97 रहने का अनुमान है, जोकि पिछले 15 सालो में सबसे कम है। इसका सीधा मतलब है देश में हो रहे बड़े बड़े इन्वेस्टर सम्मेलनों से ज़मीनी हालत नहीं बदल रहे है। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट केवल 2 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले वर्ष ये दर 6.9 फीसदी थी। यानि गाजे बजे के साथ शुरू हुआ 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम भी फ़ैल होता नज़र आ रहा है। नॉमिनल जीडीपी गग्रोथ रेट भी अगले वित्त वर्ष 7.5 तक रहने का अनुमान है जो जानकारों के मुताबिक पिछले 50 सालो में सबसे कम है। देश पहले ही खाने पीने के चीज़ो की महंगाई से जूझ रहा है। अब अगर ग्रोथ रेट का लुढ़कना जारी रहता है तो मानकर चलिए आने वाले दिनों में आपकी जेब पर बुरा असर पड़ेगा।
आपको बता दे मंगलवार को जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी साल वित्त वर्ष 2019-20 में 5 फीसदी रहने का अनुमान है। साल 2018-19 में यही दर 6.8 फीसदी थी। आसान शब्दों में कहे तो देश आर्थिक मोर्चे पर लुढ़क रहा है। इसके अलावा आने वाले साल में निवेश वृद्धि दर 0.97 रहने का अनुमान है, जोकि पिछले 15 सालो में सबसे कम है। इसका सीधा मतलब है देश में हो रहे बड़े बड़े इन्वेस्टर सम्मेलनों से ज़मीनी हालत नहीं बदल रहे है। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट केवल 2 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले वर्ष ये दर 6.9 फीसदी थी। यानि गाजे बजे के साथ शुरू हुआ 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम भी फ़ैल होता नज़र आ रहा है। नॉमिनल जीडीपी गग्रोथ रेट भी अगले वित्त वर्ष 7.5 तक रहने का अनुमान है जो जानकारों के मुताबिक पिछले 50 सालो में सबसे कम है। देश पहले ही खाने पीने के चीज़ो की महंगाई से जूझ रहा है। अब अगर ग्रोथ रेट का लुढ़कना जारी रहता है तो मानकर चलिए आने वाले दिनों में आपकी जेब पर बुरा असर पड़ेगा।
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