24 घंटे बाद भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गिरफ़्त से बाहर, यूपी पुलिस पर मुख़बिरी का आरोप

by Shahnawaz Malik 3 years ago Views 1994

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्या का मुख्य आरोपी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे अभी तक पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है. विकास दुबे की तलाश में यूपी पुलिस की कई टीमें कानपुर से लेकर लखनऊ तक छापेमारी कर रही हैं लेकिन उसका सुराग नहीं मिल सका है. यूपी पुलिस ने विकास से जुड़ा इनपुट देने वाले को 50 हज़ार रुपए इनाम देने का ऐलान भी किया है.

विकास दुबे की मां सरला देवी ने कहा कि विकास को सरेंडर कर देना चाहिए. अगर वह फरार रहता है तो पुलिस उसे एनकाउंटर में मार सकती है. सरला देवी ने यह भी कहा कि विकास ने बुरा काम किया है. लिहाज़ा, यूपी पुलिस को उसकी हत्या कर देनी चाहिए.


यूपी पुलिस के इतिहास के इस सबसे जघन्य मामले में ख़ुद पुलिस सवालों के घेरे में है. आरोप है कि यूपी पुलिस के अफ़सरों ने ही मुख़बिरी की जिसके चलते पुलिसवाले मारे गए और विकास दुबे फरार होने में कामयाब हो गया.

यह हाईप्रोफाइल एनकाउंटर कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में हुआ जिसके एसओ विनय तिवारी हैं. आरोप है कि एसओ विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बीच क़रीबी रिश्ता था. यूपी एसटीएफ विनय तिवारी से पूछताछ कर रही है कि कहीं उन्होंने अपने डिपार्टमेंट के ख़िलाफ़ ही तो मुख़बिरी नहीं की. एसटीएफ यह भी पता लगा रही है कि एनकाउंटर के दौरान एसओ विनय तिवारी फ्रंट पर रहने की बजाय पीछे क्यों थे. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि एसओ विनय तिवारी का विकास दुबे के घर पर भी आना जाना था.

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