होली से पहले ही उत्तराखंड और नेपाल में लोगों पर चढ़ा खुमार
कहते हैं जब होली का रंग चढ़ता है तो सारे भेदभाव मिट जाते हैं और सब होली के रंग में रंग के एक से हो जाते हैं। होली के आने में भले ही थोड़ा वक्त बाकी हो, लेकिन उत्तराखंड और नेपाल में पारंपरिक तरीके से होली मनाने का सिलसिला फागुन के बाद से ही शुरू हो गया है।
होली में भले ही अभी कुछ दिन बाकी हो, लेकिन अभी से फागुन का रंग अब चढ़ने लगा हैं। तस्वीरों में देख सकते हैं कि कैसे ये महिलाएं होली की मस्ती में अभी से डूबी हुई हैं। कोई होली गीत गा रही हैं तो कोई डांस कर रही हैं। होली की मस्ती में सराबोर ये महिलाएं हल्द्वानी की हैं, जो पारंपरिक गीत गाकर होली की शुरुआत कर रही हैं।
बैठकी होली की ये परंपरा कुमाऊं में सदियों से चली आ रही है। महिलाओं का कहना है कि आजकल की पीढ़ी पारंपरिक तरीके से त्योहार मनाना भूलती जा रही हैं। महिलाओं ने कहा कि हमारा मकसद युवा पीढ़ी में पारंपरिक तरीके की बुनियाद कायम रखना है, जिसके लिए कुमाऊं और आसपास के इलाके में होली से पहले ही होली की तैयारी शुरू हो जाती है, ताकि युवा भी इससे जुड़ें और सदियों पुरानी परंपरा से जुड़े रहे। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होली की धूम रहती हैं। भारत के पड़ोसी देश नेपाल से आई इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां भी पारंपरिक तरीके से होली मानने की शुरुआत हो चुकी हैं। होली से पहले यहां पारंपरिक तरीके से पूजा की जाती हैं और इस दौरान लोग काफी ज्यादा तदाद में एक जगह पर इकट्ठे होते हैं। इसके बाद गुलाल लगाकर एक दूसरे को होली की बधाई दी जाती हैं। शुभकामनाओं का ये सिलसिला होली के दिन तक यूं ही चलता हैं। वीडियो देखिये जिस तरह आज का युवा होली को हुडदंग का त्यौहार मानता है, उसको देखते हुए त्योहारों को पारंपरिक तरीके से मनाने का ये तरीका कारगर साबित हो सकता हैं।
होली में भले ही अभी कुछ दिन बाकी हो, लेकिन अभी से फागुन का रंग अब चढ़ने लगा हैं। तस्वीरों में देख सकते हैं कि कैसे ये महिलाएं होली की मस्ती में अभी से डूबी हुई हैं। कोई होली गीत गा रही हैं तो कोई डांस कर रही हैं। होली की मस्ती में सराबोर ये महिलाएं हल्द्वानी की हैं, जो पारंपरिक गीत गाकर होली की शुरुआत कर रही हैं।
बैठकी होली की ये परंपरा कुमाऊं में सदियों से चली आ रही है। महिलाओं का कहना है कि आजकल की पीढ़ी पारंपरिक तरीके से त्योहार मनाना भूलती जा रही हैं। महिलाओं ने कहा कि हमारा मकसद युवा पीढ़ी में पारंपरिक तरीके की बुनियाद कायम रखना है, जिसके लिए कुमाऊं और आसपास के इलाके में होली से पहले ही होली की तैयारी शुरू हो जाती है, ताकि युवा भी इससे जुड़ें और सदियों पुरानी परंपरा से जुड़े रहे। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होली की धूम रहती हैं। भारत के पड़ोसी देश नेपाल से आई इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां भी पारंपरिक तरीके से होली मानने की शुरुआत हो चुकी हैं। होली से पहले यहां पारंपरिक तरीके से पूजा की जाती हैं और इस दौरान लोग काफी ज्यादा तदाद में एक जगह पर इकट्ठे होते हैं। इसके बाद गुलाल लगाकर एक दूसरे को होली की बधाई दी जाती हैं। शुभकामनाओं का ये सिलसिला होली के दिन तक यूं ही चलता हैं। वीडियो देखिये जिस तरह आज का युवा होली को हुडदंग का त्यौहार मानता है, उसको देखते हुए त्योहारों को पारंपरिक तरीके से मनाने का ये तरीका कारगर साबित हो सकता हैं।
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