सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस की अगुवाई में विकास दुबे एनकाउंटर की जांच
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और गैंगस्टर विकास दुबे और उसके पांच सहयोगी की मुठभेड़ में मौत मामले के लिए जांच कमिटी गठित हो गई है. तीन सदस्यीय जांच कमिटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान करेंगे. उनके अलावा कमिटी में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता और हाई कोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल शामिल हैं. यह जांच कमेटी एक सप्ताह में काम शुरू करेगी और दो महीने में यूपी सरकार और सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी.
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बी एस चौहान के नाम का सुझाव दिया. यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बी एस चौहान लॉ कमीशन के चेयरमैन भी रह चुके हैं और उन्होंने जांच आयोग के लिए सहमति भी जताई है. कमिटी में यूपी के पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता के नाम सुझाव गया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन ने इसपर अपनी मुहर लगा दी है.पूर्व जस्टिस बीएस चौहान की अगुवाई वाली कमिटी इस पहलू की भी जांच करेगी कि विकास दुबे को परोल या जमानत कैसे मिली जोकि एक अहम मुद्दा है.
इस बीच कानपुर एनकाउंटर के बाद से फ़रार चल रहे विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे की तलाश में यूपी पुलिस छापेमारी कर रही है. इस बीच विकास दुबे की मां ने एक वीडियो जारीकर दीप प्रकाश से अपील है कि वह जहां भी हों, पुलिस के सामने आकर सरेंडर कर दें. फरार होने पर सब मारे जाएंगे, तब आने का कोई फायदा नहीं है. यूपी पुलिस ने दीप प्रकाश का सुराग देने वाले पर 20 हज़ार रुपये के इनाम का ऐलान किया है.
इस बीच कानपुर एनकाउंटर के बाद से फ़रार चल रहे विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे की तलाश में यूपी पुलिस छापेमारी कर रही है. इस बीच विकास दुबे की मां ने एक वीडियो जारीकर दीप प्रकाश से अपील है कि वह जहां भी हों, पुलिस के सामने आकर सरेंडर कर दें. फरार होने पर सब मारे जाएंगे, तब आने का कोई फायदा नहीं है. यूपी पुलिस ने दीप प्रकाश का सुराग देने वाले पर 20 हज़ार रुपये के इनाम का ऐलान किया है.
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