Fact Check - टैक्स चोरी का पीएम मोदी का दावा सच से परे
टैक्स चोरी पर चिंता ज़ाहिर करते हुए पीएम मोदी ने दावा किया कि देश में लोग महंगी कारें खरीद के साथ-साथ विदेशों में छुट्टी मनाने जा रहे हैं लेकिन अपनी आमदनी पर सरकार को टैक्स नहीं चुका रहे हैं। मगर अपने इस दावे को साबित करने के लिए उन्होंने जो आंकड़े पेश किए हैं, उनमें काफी झोल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स चोरी पर गहरी चिंता ज़ाहिर की है. एक निजी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पांच सालों में 1.5 करोड़ से ज्यादा गाड़ियां खरीदी गईं और तीन करोड़ से ज्यादा लोग काम या छुट्टी मनाने विदेश गए लेकिन इनकम टैक्स सिर्फ 1.5 करोड़ लोगों ने ही भरा. पीएम का ये आंकड़ा आयकर विभाग के आंकड़ों से काफी हद तक मेल खाता है। इसके मुताबिक साल 2018-19 में 5.87 करोड़ लोगों ने रिटर्न तो फाइल किया लेकिन उनमें से 4 करोड़ 42 लाख से ज्यादा की आमदनी पांच लाख से कम हैं, यानि सरकार को कर के रूप में कोई पैसा नहीं मिला.
हालांकि बाद में पीएम की ओर से पेश किए गए दो आंकड़े आयकर विभाग के आंकड़ों से मेल नहीं खाते। मोदी ने कहा सिर्फ तीन लाख लोगों ने अपनी सालाना आय 50 लाख से ज्यादा घोषित की है, जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 4 लाख 17 हज़ार 316 लोगों ने अपनी सालाना आय 50 लाख से ज्यादा घोषित कर रखी है। साथ ही, इन लोगों की कुल घोषित सालाना आय 20 लाख करोड़ से ज्यादा है जोकि सभी करदाताओं की कुल घोषित सालान आय का 40 फीसदी है। सभी करदाताओं की कुल धोषित सालाना 51 लाख करोड़ 33 हज़ार करोड़ रुपए है. वीडियो देखिये इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ 2,200 लोगों ने ही अपनी आय एक करोड़ से ज्यादा घोषित कर रखी है। मगर आयकर विभाग से मिलान करने पर इसमें भी झोल मिलता है. आयकर विभाग के मुताबिक एक लाख 66 हज़ार लोगों ने अपनी आय एक करोड़ से ज्यादा घोषित कर रखी है। इन करदाताओं की कुल सालाना आय 18 लाख 42 हज़ार करोड़ से ज्यादा है जोकि देश की कुल घोषित सालाना आय का लगभग 36 फीसदी है। ज़ाहिर है कि टैक्स चोरी पर पीएम मोदी की ओर से पेश किए गए आंकड़ों में तमाम झोल हैं और उनका दावा सच से परे है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स चोरी पर गहरी चिंता ज़ाहिर की है. एक निजी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पांच सालों में 1.5 करोड़ से ज्यादा गाड़ियां खरीदी गईं और तीन करोड़ से ज्यादा लोग काम या छुट्टी मनाने विदेश गए लेकिन इनकम टैक्स सिर्फ 1.5 करोड़ लोगों ने ही भरा. पीएम का ये आंकड़ा आयकर विभाग के आंकड़ों से काफी हद तक मेल खाता है। इसके मुताबिक साल 2018-19 में 5.87 करोड़ लोगों ने रिटर्न तो फाइल किया लेकिन उनमें से 4 करोड़ 42 लाख से ज्यादा की आमदनी पांच लाख से कम हैं, यानि सरकार को कर के रूप में कोई पैसा नहीं मिला.
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हालांकि बाद में पीएम की ओर से पेश किए गए दो आंकड़े आयकर विभाग के आंकड़ों से मेल नहीं खाते। मोदी ने कहा सिर्फ तीन लाख लोगों ने अपनी सालाना आय 50 लाख से ज्यादा घोषित की है, जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 4 लाख 17 हज़ार 316 लोगों ने अपनी सालाना आय 50 लाख से ज्यादा घोषित कर रखी है। साथ ही, इन लोगों की कुल घोषित सालाना आय 20 लाख करोड़ से ज्यादा है जोकि सभी करदाताओं की कुल घोषित सालान आय का 40 फीसदी है। सभी करदाताओं की कुल धोषित सालाना 51 लाख करोड़ 33 हज़ार करोड़ रुपए है. वीडियो देखिये इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ 2,200 लोगों ने ही अपनी आय एक करोड़ से ज्यादा घोषित कर रखी है। मगर आयकर विभाग से मिलान करने पर इसमें भी झोल मिलता है. आयकर विभाग के मुताबिक एक लाख 66 हज़ार लोगों ने अपनी आय एक करोड़ से ज्यादा घोषित कर रखी है। इन करदाताओं की कुल सालाना आय 18 लाख 42 हज़ार करोड़ से ज्यादा है जोकि देश की कुल घोषित सालाना आय का लगभग 36 फीसदी है। ज़ाहिर है कि टैक्स चोरी पर पीएम मोदी की ओर से पेश किए गए आंकड़ों में तमाम झोल हैं और उनका दावा सच से परे है.
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