सत्ता के खेल में कैसे पिस रहे हैं महाराष्ट्र के किसान?

by Ankush Choubey 4 years ago Views 2581

farmers bear the brunt of political void in Mahara
महारष्ट्र के किसानो की हालत ख़राब है। पहले सूखे से और फिर बाढ़ से लाखो हेक्टेयर के फसल बर्बाद हो चुकी है. राज्य सरकार ने सहायता का वादा किया था. लेकिन महाराष्ट्र में नई सरकार बनी नहीं है इसलिए कीआसनो को सहायता मिली नहीं है. किसान सीधे राज्यपाल से सहायता मांगने पहुंच गए है.

हर साल सूखे की मार झेलने वाले महाराष्ट्र के किसान इस साल बारिश और बाढ़ की चपेट में आ गए. इस साल के मॉनसून में तीन सौ से ज़्यादा लोगों की मौत हुई और कृषि सेक्टर में तक़रीबन पांच हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ है. महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक राज्य की 325 तालुकाओं में 54 लाख 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ जबकि तकरीबन 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.


महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक

पुणे की 51 तालुका में 1.36 लाख हेक्टयेर,

कोंकण की 46 तालुका में 97000 हेक्येटर,

नाशिक की 52 में 16 लाख हेक्टेयर,

औरंगाबाद की 72 तालुका में 22 लाख हेक्टेयर,

अमरावती की 56 तालुका में 12 लाख हेक्टेयर और नागपुर की 48 तालुका की 40 हज़ार हेक्टेयर में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है.

बारिश और बाढ़ की वजह से फसलों का सबसे ज्यादा नुकसान मराठवाड़ा में हुआ. यहाँ 6,943 गाँवों की 22.71 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई। मठवाड़ा के लातूर की 10 तालुकाओं में 1,97,857 हेक्टेयर फसल बर्बाद होगयी. इनमें

सोयाबीन की 18.69 लाख हेक्टेयर

कपास की 19.73 लाख हेक्टेयर,

मक्का की 04.80 लाख हेक्टेयर और

अरहर की 01.18 लाख हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी.

महाराष्ट्र में कुर्सी के लिए मचे घमासान के बीच खेती किसानी का संकट गहराता जा रहा है. सवाल ये है कि क्या किसानों को तय वक़्त पर उनकी नुकसान हुई फ़सलों का मुआवज़ा मिल पाएगा.

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