लॉकडाउन बढ़ने का ख़ौफ़ किसानों और दिहाड़ी मज़दूरों में सबसे ज़्यादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में दिल्ली और पंजाब के सीएम ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाया जाए.
हालांकि लॉकडाउन बढ़ने की ख़बरों से सबसे ज़्यादा दहशत में दिहाड़ी मज़दूर और किसान हैं. कामबंद होने से कई शहरों से दिहाड़ी मज़दूर अपने गांव लौट गए हैं और कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. लुधियाना में किसानों की आलू और गेहूं की फसल तैयार है लेकिन कटाई और बिनाई के लिए दिहाड़ी मज़दूर नहीं मिल रहे हैं. यही हाल हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों का है जहां आलू और गेहूं तैयार हैं और मज़दूर नहीं मिलने से फसल बर्बाद होने की कगार पर है. केरल के मलप्पुरम में सैफू खीरा और ककड़ी की खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि इस साल की पैदावार पिछली बार से ज़्यादा है लेकिन मांग न के बराबर है और ककड़ी के दाम भी बेहद गिर गए हैं.
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कम से कम 15 दिनों के लिए देशभर में लॉकडाउन बढ़ना चाहिए. हालांकि पंजाब सरकार ने शुक्रवार को ही अपने राज्य में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया था. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लॉकडाउन में कारोबारी और कृषि क्षेत्र को फौरन विशेष रियायत मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मरीज़ों की जांच के लिए रैपिड टेस्टिंग किट की आपूर्ति तेज़ की जाए.Delhi CM Arvind Kejriwal, in the video-conferencing of PM Modi with the Chief Ministers, suggested to PM that the lockdown should be extended till April 30 all over India. #Coronavirus (file pic) pic.twitter.com/cF4hCzhIDV
— ANI (@ANI) April 11, 2020
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हालांकि लॉकडाउन बढ़ने की ख़बरों से सबसे ज़्यादा दहशत में दिहाड़ी मज़दूर और किसान हैं. कामबंद होने से कई शहरों से दिहाड़ी मज़दूर अपने गांव लौट गए हैं और कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. लुधियाना में किसानों की आलू और गेहूं की फसल तैयार है लेकिन कटाई और बिनाई के लिए दिहाड़ी मज़दूर नहीं मिल रहे हैं. यही हाल हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों का है जहां आलू और गेहूं तैयार हैं और मज़दूर नहीं मिलने से फसल बर्बाद होने की कगार पर है. केरल के मलप्पुरम में सैफू खीरा और ककड़ी की खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि इस साल की पैदावार पिछली बार से ज़्यादा है लेकिन मांग न के बराबर है और ककड़ी के दाम भी बेहद गिर गए हैं.
असम, पश्चिम बंगाल, केरल जैसे राज्यों में चाय की पत्ती तैयार हो गई है लेकिन उसे तोड़ने वाले मज़दूर नहीं मिल रहे. डिब्रूगढ़ चाय बाग़ान के मैनेजर मृदुल शर्मा के मुताबिक उन्हें पत्तियां तुड़वाने की इजाज़त ज़िला प्रशासन से मिल गई है लेकिन साफ़ सफ़ाई और सोशल डिस्टेंसिंग का ख़ास ध्यान रखने के लिए कहा गया है. इन सबके बीच दिहाड़ी मज़दूरों के सामने खाने का संकट है. लॉकडाउन की वजह से आवाजाही पूरी तरह ठप है. किसान चाहकर भी किसी राज्य में काम के लिए नहीं लौट सकते.Kerala: Cucumber farmers in Malappuram face problems as its demand & prices have gone down amid #CoronavirusLockdown. "We have got more yield compared to previous years but are facing problems in its sale. Price of cucumber has also gone down," says Saifu, a farmer. pic.twitter.com/jraaNefMEy
— ANI (@ANI) April 11, 2020
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