AMU में कैंडल मार्च निकलने पर 1200 लोगो पर हुआ मुकदमा दर्ज़
यूपी पुलिस ने नागरिकता क़ानून के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कैंडल मार्च निकालने वाले 1200 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ कर लिया है। पुलिस का कहना है इन लोगों के पास कैंडल मार्च की कोई अनुमति नहीं थी और जिले में धारा 144 लगी होने के कारण लोगों का इकट्ठा होना निषेध है।
यूपी पुलिस नागरिकता कानून का विरोध करने वालों पर सख्ती करने के चलते पहले ही सुर्खियों में है। ताज़ा मामला अलीगढ़ से आया है जहां पुलिस 1200 अज्ञात लोगों पर कैंडल मार्च निकालने की वजह से मुक़दमा दर्ज़ कर लिया है। आपको बता दें, 23 दिसंबर को एएमयू कैंपस में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में मारे गए लोगो की याद में एक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया था।
इसी कैंडल मार्च में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ पुलिस ने IPC की धारा 188 और 341 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि कैंडल मार्च की कोई अनुमति नहीं थी। अब पुलिस इन लोगों की पहचान कर आगे की कार्रवाई करेगी। आपको बता दें, 15 दिसंबर को नए नागरिकता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एएमयू के छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। बाद में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस का आरोप है कि पहले छात्रों की तरफ से पत्थरबाज़ी हुई। इस घटना के बाद कैंपस को स्टूडेंट्स से खाली कराकर 5 जनवरी तक छुट्टियां कर दी गई। यूपी पुलिस पहले ही प्रदर्शनों से निपटने को लेकर आलोचना झेल रही है। जहां पूरे देश में हो रहे प्रदर्शनों में 25 लोगों की जान गई, इसमें से 19 मौतें केवल उत्तर प्रदेश में हुई। आरोप लग रहे हैं कई लोगों की मौत पुलिस फायरिंग में हुई, हालांकि पुलिस आरोपों को झूठा बता रही है। पुलिस ने राज्य में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में अबतक 327 मामले दर्ज़ किये है जिसमे 1113 लोगो को गिरफ्तार किया जा चूका है और 5558 लोगो को हिरासत में एतिहातन में लिया गया था। पुलिस का कहना है 288 पोलिसवाले भी घायल है जिनमे 61 को गोली लगी है। इसके अलावा, 124 लोगो को फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डालने जिसमे 93 पर्चे दाखिल किये गए है। सोशल मीडिया पर 19409 पोस्टस, 9372 ट्विटर पर, 9856 फेसबुक पर और 181 यूट्यूब प्रोफाइल्स ब्लॉक की गयी है।
इसी कैंडल मार्च में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ पुलिस ने IPC की धारा 188 और 341 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि कैंडल मार्च की कोई अनुमति नहीं थी। अब पुलिस इन लोगों की पहचान कर आगे की कार्रवाई करेगी। आपको बता दें, 15 दिसंबर को नए नागरिकता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एएमयू के छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। बाद में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस का आरोप है कि पहले छात्रों की तरफ से पत्थरबाज़ी हुई। इस घटना के बाद कैंपस को स्टूडेंट्स से खाली कराकर 5 जनवरी तक छुट्टियां कर दी गई। यूपी पुलिस पहले ही प्रदर्शनों से निपटने को लेकर आलोचना झेल रही है। जहां पूरे देश में हो रहे प्रदर्शनों में 25 लोगों की जान गई, इसमें से 19 मौतें केवल उत्तर प्रदेश में हुई। आरोप लग रहे हैं कई लोगों की मौत पुलिस फायरिंग में हुई, हालांकि पुलिस आरोपों को झूठा बता रही है। पुलिस ने राज्य में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में अबतक 327 मामले दर्ज़ किये है जिसमे 1113 लोगो को गिरफ्तार किया जा चूका है और 5558 लोगो को हिरासत में एतिहातन में लिया गया था। पुलिस का कहना है 288 पोलिसवाले भी घायल है जिनमे 61 को गोली लगी है। इसके अलावा, 124 लोगो को फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डालने जिसमे 93 पर्चे दाखिल किये गए है। सोशल मीडिया पर 19409 पोस्टस, 9372 ट्विटर पर, 9856 फेसबुक पर और 181 यूट्यूब प्रोफाइल्स ब्लॉक की गयी है।
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