अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ करेगी सुनवाई, केंद्र सरकार को झटका
अनुच्छेद 370 हटाए जाने और घाटी में लगी तमाम पाबंदियों के ख़िलाफ़ दायर तक़रीबन 10 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है।
सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति देश के किसी हिस्से में जाना चाहता है तो उसे जाने की इजाज़त होनी चाहिए। उन्होंने कुछ शर्तों के साथ सीताराम येचुरी को घाटी में जाकर अपनी पार्टी के नेता युसूफ़ तारिगामी से मुलाक़ात की इजाज़त दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने येचुरी से कहा है कि वो तारिगामी से मुलाक़ात के अलावा किसी गतिविधि में शामिल न हों। जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों के बीच मीडिया के कामकाज में मुश्किलें आ रही हैं। घाटी से निकलने वाले कई अख़बार छपना बंद हो गए हैं और समाचार वेबसाइट्स पूरी तरह बंद हैं। इसके ख़िलाफ़ कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन ने याचिका दायर की थी। चीफ़ जस्टिस ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर सात दिनों में जवाब देने के लिए कहा है। एक अन्य याचिका जामिया मिलिया इस्लामिया के एक स्टूडेंट अलीम सईद ने दायर की थी। उनकी मांग थी कि उन्हें अनंतनाग में उनके घरवालों से मिलने के लिए जाने दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जम्मू-कश्मीर को निर्देश दिया है कि वह अलीम सईद को सुरक्षा मुहैया कराएं। सुप्रीम कोर्ट में दायर कई याचिकाओं में अनुच्छेद 370 को चुनौती दी गई थी। इसकी सुनवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की संवैधानिक पीठ को भेज दिया है। पीठ इस मामले की सुनवाई अक्टूबर के पहले हफ्ते में करेगी।
"There is a citizen of this country who wants to meet a colleage why cant he go(to Srinagar)? CJI asks centre
— Sidharth Pandey (@SidharthPandey) August 28, 2019
SC orders centre to allow Sitaram Yechury to travel to Srinagar and visit CPI(M) leader Mohammad Yousef Tarigami who has been detained#Kashmir @GoNews24x7 pic.twitter.com/k7eLokMJc8
सुप्रीम कोर्ट ने येचुरी से कहा है कि वो तारिगामी से मुलाक़ात के अलावा किसी गतिविधि में शामिल न हों। जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों के बीच मीडिया के कामकाज में मुश्किलें आ रही हैं। घाटी से निकलने वाले कई अख़बार छपना बंद हो गए हैं और समाचार वेबसाइट्स पूरी तरह बंद हैं। इसके ख़िलाफ़ कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन ने याचिका दायर की थी। चीफ़ जस्टिस ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर सात दिनों में जवाब देने के लिए कहा है। एक अन्य याचिका जामिया मिलिया इस्लामिया के एक स्टूडेंट अलीम सईद ने दायर की थी। उनकी मांग थी कि उन्हें अनंतनाग में उनके घरवालों से मिलने के लिए जाने दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जम्मू-कश्मीर को निर्देश दिया है कि वह अलीम सईद को सुरक्षा मुहैया कराएं। सुप्रीम कोर्ट में दायर कई याचिकाओं में अनुच्छेद 370 को चुनौती दी गई थी। इसकी सुनवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की संवैधानिक पीठ को भेज दिया है। पीठ इस मामले की सुनवाई अक्टूबर के पहले हफ्ते में करेगी।
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ये बेहद संवेदनशील मामला है। इस मामले में सुनवाई का फ़ायदा अन्य देश उठा सकते हैं लेकिन चीफ़ जस्टिस ने उनकी दलील ख़ारिज कर दी। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हम अपना फ़ैसला नहीं बदल सकते।Supreme Court issues notice to Centre over abrogation of article 370 in J&K
— Sidharth Pandey (@SidharthPandey) August 28, 2019
SC declines center's plea not 2 issue notice. Centre had argued other countries may misuse SC order
5 judge constituion bench of the SC will hear all these petitions in October #Kashmir @GoNews24x7 pic.twitter.com/KuSQ8BcUfw
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