चीन का नुकसान दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर फर्ज़ी हैंडल्स की बाढ़
लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की मौत हुई लेकिन चीनी सैनिकों की मौत का कोई ब्यौरा अब तक सामने नहीं आ सका है. मगर सोशल मीडिया पर चीनी सैनिकों की मौत को लेकर तमाम उलटे पुलटे दावे किए जा रहे हैं. फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सप्प पर कई पैम्फलेट सर्कुलेट हो रहे हैं जिनमें चीनी सैनिकों की मौत का दावा किया जा रहा है. ऐसी ही एक लिस्ट में 56 चीनी सैनिकों के मरने का दावा है लेकिन यह नाम विकिपीडिया से उठाए गए हैं. लिस्ट में जिन चीनी जनरलों के नाम हैं, वीकिपीडिया के मुताबिक उनकी नियुक्ति पीएलए में 1955 में हुई थी. यानी सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे पैम्फलेट फर्ज़ी हैं.
इसी तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू जैसे बड़े नेताओं के फ़र्ज़ी अकाउंट से भारत के पक्ष में ट्वीट वायरल हो रहे हैं. दिलचस्प यह है कि बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने इन फ़र्ज़ी ट्वीट्स को रीट्वीट किया और देखते ही देखते पुरे सोशल मीडिया पर ऐसे मैसेज की बाढ़ आ गयी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोवाल के नाम से भी एक फ़र्ज़ी अकाउंट बना है. इस अकाउंट से ट्वीट किया गया है कि लद्दाख की गलवान वैली में बिहार से आने वाले 55 सैनिकों ने 300 चीनी सैनिक को धुल चटा दी है। इसका मक़सद बिहार विधानसभा चुनाव में फायदा उठाना है. चीन के पत्रकारों के नाम से भी बनाए गए हैंडल से फर्ज़ी ट्वीट किये जा रहे हैं. इन हैंडल्स से ऐसे ट्वीट किए गए हैं कि गलवान वैली में भारत ने चीन को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. सोशल मीडिया पर चल रहे इस फर्ज़ीवाड़े का सीधा मक़सद लोगों को यह बताना है कि गलवान वैली में भारत से कई गुना ज़्यादा नुकसान चीन का हुआ है. इस फर्ज़ी दुष्प्रचार के ज़रिए राजनीतिक दल बिहार और बंगाल विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोवाल के नाम से भी एक फ़र्ज़ी अकाउंट बना है. इस अकाउंट से ट्वीट किया गया है कि लद्दाख की गलवान वैली में बिहार से आने वाले 55 सैनिकों ने 300 चीनी सैनिक को धुल चटा दी है। इसका मक़सद बिहार विधानसभा चुनाव में फायदा उठाना है. चीन के पत्रकारों के नाम से भी बनाए गए हैंडल से फर्ज़ी ट्वीट किये जा रहे हैं. इन हैंडल्स से ऐसे ट्वीट किए गए हैं कि गलवान वैली में भारत ने चीन को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. सोशल मीडिया पर चल रहे इस फर्ज़ीवाड़े का सीधा मक़सद लोगों को यह बताना है कि गलवान वैली में भारत से कई गुना ज़्यादा नुकसान चीन का हुआ है. इस फर्ज़ी दुष्प्रचार के ज़रिए राजनीतिक दल बिहार और बंगाल विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.
Latest Videos