जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक़ अब्दुल्लाह की नज़रबंदी तीन महीने बढ़ाई गई
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के सांसद फारूक़ अब्दुल्लाह की नज़रबंदी तीन महीने तक बढ़ा दी गई है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने फारूक़ अब्दुल्लाह पर यह कार्रवाई पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत की है जो 5 अगस्त से नज़रबंद हैं.
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने से पहले ही कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर राजनीतिक दलों, वकीलों, शिक्षाविदों और मानवाधिकार संगठनों के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था लेकिन कई बड़ी हस्तियां अभी तक नज़रबंद हैं. इनमें फारूक़ अब्दुल्लाह के अलावा उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती भी 5 अगस्त से नज़रबंद हैं.
नेशनल कांफ्रेंस के चेयरमैन फारूक़ अब्दुल्लाह वरिष्ठ सांसदों में से एक हैं और उनके ख़िलाफ़ नज़रबंदी की कार्रवाई पर बार-बार सवाल उठ रहे हैं. 13 दिसंबर को ख़त्म हुए संसद के आख़िरी सत्र में एनसी समेत अन्य पार्टियों के सांसदों ने फारुक़ अब्दुल्लाह की रिहाई के लिए विरोध प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया गया.JK admin extends detention of Farooq Abdullah by 3 months under stringent Public Safety Act: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) December 14, 2019
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने से पहले ही कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर राजनीतिक दलों, वकीलों, शिक्षाविदों और मानवाधिकार संगठनों के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था लेकिन कई बड़ी हस्तियां अभी तक नज़रबंद हैं. इनमें फारूक़ अब्दुल्लाह के अलावा उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती भी 5 अगस्त से नज़रबंद हैं.
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