IIM से लेकर IIT तक, स्टूडेंट्स जामिया के साथ
विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हिंसक प्रदर्शन मामले में , जामिया मिल्लिया इस्लामिया, और दिल्ली पुलिस ने अपनी-अपनी जांच शुरू कर दी है. बिना इजाज़त कैंपस में घुसने पर , जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वीसी , प्रोफ़ेसर नजम अख़्तर ने इसकी निंदा की है. उन्होंने कहा , कि इस कार्रवाई में यूनिवर्सिटी की संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है और यह नाक़ाबिले बर्दाश्त है.
विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 13 दिसंबर से जारी विरोध प्रदर्शन 16 दिसंबर की शाम हिंसक हो गया. दिल्ली पुलिस के जवानों ने बिना इजाज़त यूनिर्सिटी कैंपस की लाइब्रेरी और हॉस्टल में घुसकर स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इसके बाद ज़ख़्मी हालात में स्टूडेंट्स को हिरासत में लेकर कालकाजी और न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन पहुंच गए. जामिया प्रशासन ने दिल्ली पुलिस से आधी रात में संपर्क किया और तड़के तीन बच्चे सभी स्टूडेंट्स को छुड़ाया.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वीसी नजम अख़्तर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में यूनिवर्सिटी की संपत्ति को बेतहाशा नुकसान पहुंचा है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस प्रदर्शन के दौरान तक़रीबन 30 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं. इनमें एक एसएचओ की हड्डी टूटी है जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी आईसीयू में है. इसके अलावा कैंपस में घुसने की बात मानते हुए दिल्ली पुलिस ने इसकी जांच का भरोसा दिया है. वीडियो देखिये फिलहाल जामिया मिल्लिया इस्लामिया को 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है और मौजूदा हालात से डरे हुए बच्चे अपने हॉस्टल खाली कर रहे हैं. जामिया के ज़्यादातर स्टूडेंट्स कैंपस ख़ाली कर चुके हैं लेकिन इसके बावजूद यहां प्रदर्शन जारी है. नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ पांचवें दिन भी जामिया में जगह-जगह छात्र प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वीसी नजम अख़्तर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में यूनिवर्सिटी की संपत्ति को बेतहाशा नुकसान पहुंचा है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस प्रदर्शन के दौरान तक़रीबन 30 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं. इनमें एक एसएचओ की हड्डी टूटी है जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी आईसीयू में है. इसके अलावा कैंपस में घुसने की बात मानते हुए दिल्ली पुलिस ने इसकी जांच का भरोसा दिया है. वीडियो देखिये फिलहाल जामिया मिल्लिया इस्लामिया को 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है और मौजूदा हालात से डरे हुए बच्चे अपने हॉस्टल खाली कर रहे हैं. जामिया के ज़्यादातर स्टूडेंट्स कैंपस ख़ाली कर चुके हैं लेकिन इसके बावजूद यहां प्रदर्शन जारी है. नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ पांचवें दिन भी जामिया में जगह-जगह छात्र प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए.
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