गांधी की पुण्यतिथि पर गांधी स्मृति बंद, सरकार में प्रदर्शनों का ख़ौफ़
30 फरवरी 1948 की शाम बिड़ला हाऊस में नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनकी हत्या के बाद बिड़ला हाऊस को महात्मा गांधी की स्मृति में एक संग्राहलय में बदल दिया गया था.
राष्ट्रपिता के चाहने वालों का सालभर यहां तांता लगा रहता है लेकिन उनकी 72वीं पुण्यतिथि पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसे पूरे दिन बंद रखने का फैसला किया गया है.
महात्मा गांधी ने अपने जीवन के आखिरी साल बिड़ला हाऊस में ही बिताए थे. उनकी पुण्यतिथि पर हर साल हज़ारों लोग उन्हें याद करने के लिए यहां पहुंचते हैं लेकिन इस बार उनके चाहने वाले यहां नहीं जा सकेंगे क्योंकि यह बंद है. गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति ने प्रवेश द्वार पर नोटिस लगा दिया है और इसके मुताबिक यह फैसला सुरक्षा कारणों के चलते लिया गया है। हालांकि शाम को 5.30 बजे से 6.30 बजे तक इसे एक घंटे के लिए खोला जायेगा। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस फैसले की निंदा की है और कहा है कि सरकार विरोधी प्रदर्शन होने के डर से गांधी स्मृति को बंद रखा गया है.
महात्मा गांधी ने अपने जीवन के आखिरी साल बिड़ला हाऊस में ही बिताए थे. उनकी पुण्यतिथि पर हर साल हज़ारों लोग उन्हें याद करने के लिए यहां पहुंचते हैं लेकिन इस बार उनके चाहने वाले यहां नहीं जा सकेंगे क्योंकि यह बंद है. गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति ने प्रवेश द्वार पर नोटिस लगा दिया है और इसके मुताबिक यह फैसला सुरक्षा कारणों के चलते लिया गया है। हालांकि शाम को 5.30 बजे से 6.30 बजे तक इसे एक घंटे के लिए खोला जायेगा। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस फैसले की निंदा की है और कहा है कि सरकार विरोधी प्रदर्शन होने के डर से गांधी स्मृति को बंद रखा गया है.
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