ऑनलाइन दवाओं की ब्रिकी पर लगेगी रोक
सरकार ने ऑनलाइन दवाओं की ब्रिकी पर रोक लगा दी है. जिसके बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने बिना लाइसेंस के चलने वाली ऑनलाइन दवा विक्रताओं पर सख्ती दिखाते हुए सुप्रीमकोर्ट के आदेश के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा है. कोर्ट ने साल 2018 दिसंबर में ऑनलाइन दवाओं की ब्रिकी पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद किसी भी दवा विक्रेता को लाइसेंस जारी नहीं किया गया है.
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक ऑनलाइन फार्मेसी के विनियमन के लिए नियमों का कोई ढांचा पिछले साल जारी नहीं किया गया था. और इसे लेकर कोई जानकारी भी नहीं दी गई थी. और जब विक्रेताओं के पास कोई जानकारी नहीं हैं तो ऐसे में वो क्या करें.
वीडियो देखें: सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडेड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक जब इस बारे में औपचारिक तौर पर कोई अधिसूचना जारी नहीं करता है तब तक डॉक्टरों की पर्ची के जरिये ऑनलाइन दवा की ब्रिकी पर रोक नहीं लगाई जा सकती है.वो पुराने नियमो के तहत ब्रिकी जारी रखेंगे. पिछले साल दिसंबर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि बिना लाइसेंस दवाओं की ऑनलाइन ब्रिकी ठीक नहीं है. सरकार को इस पर रोक लगाना चाहिए. ऑनलाइन दवाओं की ब्रिकी से दवाओं की कालाबाजारी बढ़ने के साथ ही उनकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ता था. साथ ही नशे के लिए इस्ताल होने वाली दवाओं का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा था.भारत में 7 लाख केमिस्ट शॉप और फार्मेसी है. इसके अलावा 60 हजार थोक की दुकाने हैं. इन सभी पर ऑनलाइन फार्मेसी व्यापार के नियमों का असर पड़ेगा.
वीडियो देखें: सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडेड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक जब इस बारे में औपचारिक तौर पर कोई अधिसूचना जारी नहीं करता है तब तक डॉक्टरों की पर्ची के जरिये ऑनलाइन दवा की ब्रिकी पर रोक नहीं लगाई जा सकती है.वो पुराने नियमो के तहत ब्रिकी जारी रखेंगे. पिछले साल दिसंबर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि बिना लाइसेंस दवाओं की ऑनलाइन ब्रिकी ठीक नहीं है. सरकार को इस पर रोक लगाना चाहिए. ऑनलाइन दवाओं की ब्रिकी से दवाओं की कालाबाजारी बढ़ने के साथ ही उनकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ता था. साथ ही नशे के लिए इस्ताल होने वाली दवाओं का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा था.भारत में 7 लाख केमिस्ट शॉप और फार्मेसी है. इसके अलावा 60 हजार थोक की दुकाने हैं. इन सभी पर ऑनलाइन फार्मेसी व्यापार के नियमों का असर पड़ेगा.
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