गुजरात: कर्ज़ से तंग आकर 24 घंटे में तीन कारोबारियों ने ख़ुदकुशी की
महामारी को क़ाबू करने के लिए देशभर में लगाई गई तालाबंदी ने कारोबारियों के हौसले पस्त कर दिए हैं। पिछले 24 घंटे में गुजरात के तीन कारोबारियों ने अलग-अलग इलाक़ों में ख़ुदकुशी कर ली क्योंकि वे क़र्ज़ न चुका पाने की वजह से परेशान थे। एक कारोबारी अहमदाबाद के हैं जबकि दो कारोबारी राजकोट के हैं।
अहमदाबाद के सुशील टिबरेवाल केमिकल का बिज़नेस करते थे जिन्होंने बुधवार सुबह अपनी सोसायटी की 12 मंज़िला इमारत से कूदकर जान दे दी। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि वो मनी लेंडर के दबाव में ऐसा क़दम उठाने को मज़बूर हुए।
सुशील टिबरेवाल के बेटे साकेत टिबरेवाल ने बताया कि उनके पिता ने मनी लेंडर ओम प्रकाश पंजाबी से पांच फीसदी की ब्याज़ दर पर 20 लाख रूपये का क़र्ज़ लिया था जो बढ़कर एक करोड़ से ज़्यादा हो गया था. आरोप है कि इस वजह से ओम प्रकाश पंजाबी उन्हें फोन कर धमकी दे रहा था। इसी तरह दो कारोबारियों ने राजकोट में खुदकुशी कर ली। एक छोटी सी फैक्ट्री के मालिक जयंतीभाई भलानी क़र्ज़ न चुका पाने की वजह से कूएं में कूद गए. राजकोट मकेनिकल इंडस्ट्री के लिए मशहूर है। यहां सैकड़ों की तादाद में छोटे कारोबारी एक-दो सीएनसी मशीनें लगाकर बड़े फैक्ट्रियों से काम उठाते हैं। एक सीएनसी मशीन की कीमत लगभग 10-20 लाख रूपये तक होती है। बताया जा रहा है कि कारोबारी ने दो साल पहले लोन पर 13 लाख रूपये की लागत की एक सीएनसी मशीन खरीदा था लेकिन लॉकडाउन की वजह से धंधा चौपट हो गया। लॉकडाउन खुल जाने के बावजूद छोटे कारोबारियों की कमर टूट गई है। जयंतीभाई भलानी अपने लोन का इंस्टॉलमेंट नहीं भर पा रहे थे, इस वजह से उन्होंने मौत को गले लगा लिया। वहीं एक ट्रांसपोर्ट व्यापारी धर्मेंद्र सिंह ने अपने ऑफिस में सोमवार देर शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके भाई दशरथ ने बताया, 'मेरे भाई महाराष्ट्र में सामान ट्रांसपोर्ट का काम करते थे लेकिन वहां कोई खरीदार नहीं बचा था। धर्मेंद्र लोन के इंस्टॉलमेंट चुकाने के चक्कर में काफी परेशान थे। साथ ही वो डीज़ल के दाम बढ़ने से भी चिंतित थे।’
सुशील टिबरेवाल के बेटे साकेत टिबरेवाल ने बताया कि उनके पिता ने मनी लेंडर ओम प्रकाश पंजाबी से पांच फीसदी की ब्याज़ दर पर 20 लाख रूपये का क़र्ज़ लिया था जो बढ़कर एक करोड़ से ज़्यादा हो गया था. आरोप है कि इस वजह से ओम प्रकाश पंजाबी उन्हें फोन कर धमकी दे रहा था। इसी तरह दो कारोबारियों ने राजकोट में खुदकुशी कर ली। एक छोटी सी फैक्ट्री के मालिक जयंतीभाई भलानी क़र्ज़ न चुका पाने की वजह से कूएं में कूद गए. राजकोट मकेनिकल इंडस्ट्री के लिए मशहूर है। यहां सैकड़ों की तादाद में छोटे कारोबारी एक-दो सीएनसी मशीनें लगाकर बड़े फैक्ट्रियों से काम उठाते हैं। एक सीएनसी मशीन की कीमत लगभग 10-20 लाख रूपये तक होती है। बताया जा रहा है कि कारोबारी ने दो साल पहले लोन पर 13 लाख रूपये की लागत की एक सीएनसी मशीन खरीदा था लेकिन लॉकडाउन की वजह से धंधा चौपट हो गया। लॉकडाउन खुल जाने के बावजूद छोटे कारोबारियों की कमर टूट गई है। जयंतीभाई भलानी अपने लोन का इंस्टॉलमेंट नहीं भर पा रहे थे, इस वजह से उन्होंने मौत को गले लगा लिया। वहीं एक ट्रांसपोर्ट व्यापारी धर्मेंद्र सिंह ने अपने ऑफिस में सोमवार देर शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके भाई दशरथ ने बताया, 'मेरे भाई महाराष्ट्र में सामान ट्रांसपोर्ट का काम करते थे लेकिन वहां कोई खरीदार नहीं बचा था। धर्मेंद्र लोन के इंस्टॉलमेंट चुकाने के चक्कर में काफी परेशान थे। साथ ही वो डीज़ल के दाम बढ़ने से भी चिंतित थे।’
Latest Videos