छाई हैं केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. शैलजा, संयुक्त राष्ट्र में दिया भाषण
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. शैलजा ने संयुक्त राष्ट्र के एक पैनल डिस्कशन में हिस्सा लिया है. संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के मौक़े पर हुई इस बातचीत में महासचिव एंटोनियो गुटरेस और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेश डॉक्टर टेडरॉस जैसी हस्तियां शामिल थीं. इस बातचीत में के. शैलजा ने अपने अनुभवों को बांटा और बताया कि केरल में कोरोना की महामारी को रोकने के लिए उन्होंने क्या-क्या क़दम उठाए. अपनी उपलब्धियों के चलते केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. शैलजा दुनियाभर में शाबाशी बटोर रही हैं.
न्यूज़ीलैण्ड की पीएम जेसिंडा अर्डर्न ने ना सिर्फ कारगर उपाय किए बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए बार-बार सोशल मीडिया पर लाइव करती रहीं. वो सीधे लोगों से रूबरू हुईं और सरकार के कामकाज के बारे में लोगों को जानकारी देती रहीं. न्यूज़ीलैंड ने अपनी पीएम पर भरोसा किया, उनकी कही बातों को माना और बहुत जल्द कोरोना से मुक्ति पा ली. जर्मनी की चांसलर एंजेला मैर्केल खुद एक वैज्ञानिक हैं. उन्होंने ना सिर्फ इस महामारी के खतरे को शुरू में ही भांपा बल्कि इससे लड़ने के लिए देश को पूरी तरह तैयार किया. देश में जब लॉकडाउन लगा तब एक बहुत बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया जोकि उसकी जीडीपी का 60% है. ताइवान दुनिया के उन देशों में शामिल है जिसने कोरोना महामारी को रोकने के लिए बेहद सख़्त क़दम उठाए. यहां कुल मामले महज़ 446 दर्ज हुए और सिर्फ सात मौतें हुईं. आज ताइवान पूरी तरह कोरोना मुक्त है और इसका श्रेय राष्ट्रपति साई इंग वेन को दिया जा रहा है. दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री फिनलैंड की सना मरीन हैं. उन्होंने महज़ 34 साल की उम्र में देश की क़मान संभाली मगर छह महीने बाद ही कोरोना का संक्रमण दुनिया में फैलने लगा. उन्होंने 18 मार्च को पूरे देश में सख़्त लॉकडाउन का ऐलान किया और संक्रमण को रोकने में कामयाब हुईं. फिनलैंड में ज़िंदगी अब दोबारा पटरी पर लौट आई है.
के. शैलजा की तरह न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्कल, फिनलैंड की पीएम सना मरीन, ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन भी सुर्ख़ियों में हैं. इन महिला दिग्गज हस्तियों ने अपने-अपने देश में कोरोना के संक्रमण को लगभग ख़त्म कर दिया है.Participated in a panel discussion of @UN on the UN Public Service Day. It was an honour to be a part of a panel that included the UN Secretary-general, Director General of @WHO (@DrTedros) & many others. We had a great conversation on the ongoing efforts against #COVID19. pic.twitter.com/h2N4xEZROk
— Shailaja Teacher (@shailajateacher) June 24, 2020
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न्यूज़ीलैण्ड की पीएम जेसिंडा अर्डर्न ने ना सिर्फ कारगर उपाय किए बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए बार-बार सोशल मीडिया पर लाइव करती रहीं. वो सीधे लोगों से रूबरू हुईं और सरकार के कामकाज के बारे में लोगों को जानकारी देती रहीं. न्यूज़ीलैंड ने अपनी पीएम पर भरोसा किया, उनकी कही बातों को माना और बहुत जल्द कोरोना से मुक्ति पा ली. जर्मनी की चांसलर एंजेला मैर्केल खुद एक वैज्ञानिक हैं. उन्होंने ना सिर्फ इस महामारी के खतरे को शुरू में ही भांपा बल्कि इससे लड़ने के लिए देश को पूरी तरह तैयार किया. देश में जब लॉकडाउन लगा तब एक बहुत बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया जोकि उसकी जीडीपी का 60% है. ताइवान दुनिया के उन देशों में शामिल है जिसने कोरोना महामारी को रोकने के लिए बेहद सख़्त क़दम उठाए. यहां कुल मामले महज़ 446 दर्ज हुए और सिर्फ सात मौतें हुईं. आज ताइवान पूरी तरह कोरोना मुक्त है और इसका श्रेय राष्ट्रपति साई इंग वेन को दिया जा रहा है. दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री फिनलैंड की सना मरीन हैं. उन्होंने महज़ 34 साल की उम्र में देश की क़मान संभाली मगर छह महीने बाद ही कोरोना का संक्रमण दुनिया में फैलने लगा. उन्होंने 18 मार्च को पूरे देश में सख़्त लॉकडाउन का ऐलान किया और संक्रमण को रोकने में कामयाब हुईं. फिनलैंड में ज़िंदगी अब दोबारा पटरी पर लौट आई है.
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