हिंदू सेना ने बाबर रोड के साइनेज पर पोत दी कालिख
भगवा संगठन हिंदू सेना ने एक बार फिर मुग़ल शासकों के नाम वाली सड़क पर हमला किया है. इस बार हिंदू सेना के निशाने पर बंगाली मार्केट से लगी बाबर रोड थी जिसपर कालिख पोत दी गई. हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने मांग की कि देश में सड़कों का नाम श्रीकृष्ण और महर्षि वाल्मिकी के नाम पर होना चाहिए ना कि आक्रमणकारी बाबर के नाम पर.
हिंदू सेना के कार्यकर्ता इससे पहले मुग़ल शासकों से जुड़ी कई सड़कों के साइनेज पर भी कालिख पोत चुके हैं. हालांकि हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं के जाने के बाद एनडीएमसी के स्टाफ ने वहां पहुंचकर साफ़ सफ़ाई की और बाबर रोड के साइनेज को ठीक कर दिया.
राजधानी दिल्ली में ऐसी कई अहम सड़कें हैं जिनके नाम मध्यकाल के मुग़ल या मुस्लिम शासकों के नाम पर हैं. इनमें बाबर रोड के अलावा हुमायूं रोड, अकबर रोड, शाहजहां रोड, बहादुरशाह ज़फ़र रोड, लोदी रोड, सफ़दरजंग रोड, तुगलक रोड, फ़िरोज़शाह रोड, दारा शिकोह रोड, नजफ़ ख़ान रोड, शेर शाह सूरी मार्ग और क़ुतुब रोड जैसी अहम सड़कें शामिल हैं. वीडियो देखिये ये सभी शासक मध्यकालीन भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जिनके बारे में स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है. इसके अलावा कमोबेश पूरी दिल्ली में मुग़लकाल की भव्य इमारतें जगह-जगह खड़ी हैं और सरकारी ख़र्च पर उनका रखरखाव भी किया जाता है. इनके अलावा एशिया की सबसे पुरानी सड़कों में शुमार और 2700 किलोमीटर लंबी ग्रांट ट्रंक रोड का विस्तार सूर साम्राज्य के शासक शेर शाह सूरी के काल में हुआ था. ये सड़क बांग्लादेश में चिटगांव से शुरू होकर हावड़ा, दिल्ली, अमृतसर से होते हुए पाकिस्तान के लाहौर, पेशावर और अफ़ग़ानिस्तान के क़ाबुल तक जाती है. ऐसे में इन सड़कों से महज़ शासकों के नाम मिटाने की कोशिश सस्ती लोकप्रियता की कोशिश जान पड़ती है.
राजधानी दिल्ली में ऐसी कई अहम सड़कें हैं जिनके नाम मध्यकाल के मुग़ल या मुस्लिम शासकों के नाम पर हैं. इनमें बाबर रोड के अलावा हुमायूं रोड, अकबर रोड, शाहजहां रोड, बहादुरशाह ज़फ़र रोड, लोदी रोड, सफ़दरजंग रोड, तुगलक रोड, फ़िरोज़शाह रोड, दारा शिकोह रोड, नजफ़ ख़ान रोड, शेर शाह सूरी मार्ग और क़ुतुब रोड जैसी अहम सड़कें शामिल हैं. वीडियो देखिये ये सभी शासक मध्यकालीन भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जिनके बारे में स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है. इसके अलावा कमोबेश पूरी दिल्ली में मुग़लकाल की भव्य इमारतें जगह-जगह खड़ी हैं और सरकारी ख़र्च पर उनका रखरखाव भी किया जाता है. इनके अलावा एशिया की सबसे पुरानी सड़कों में शुमार और 2700 किलोमीटर लंबी ग्रांट ट्रंक रोड का विस्तार सूर साम्राज्य के शासक शेर शाह सूरी के काल में हुआ था. ये सड़क बांग्लादेश में चिटगांव से शुरू होकर हावड़ा, दिल्ली, अमृतसर से होते हुए पाकिस्तान के लाहौर, पेशावर और अफ़ग़ानिस्तान के क़ाबुल तक जाती है. ऐसे में इन सड़कों से महज़ शासकों के नाम मिटाने की कोशिश सस्ती लोकप्रियता की कोशिश जान पड़ती है.
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