गृह मंत्री अमित शाह ने एक देश एक भाषा की अपील की, हुआ विरोध

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 2061

Home Minister Amit Shah appealed for one country,
हिंदी दिवस के मौक़े पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक देश एक भाषा के लिए अपील की है. उन्होंने ट्वीट किया कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परंतु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने. आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वह सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है.

मगर अमित शाह की इस अपील पर कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने विरोध दर्ज कराया है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया कि हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए. हम कई भाषाएँ सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृ-भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए.


हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हिंदी हर भारतीय की मातृभाषा नहीं है. क्या आप इस धरती की तमाम मात्रभाषाओं की सुंदरता और विविधता की प्रशंसा करने की कोशिश करेंगे? संविधान का अनुच्छेद 29 हर भारतीय को अलग भाषा, लिखावट और संस्कृति का अधिकार देता है. ओवैसी ने ये भी कहा कि भारत हिंदी, हिंदू, और हिंदुत्वा से बहुत विशाल है.

वहीं तमिलनाडु में डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि वो हिंदी के थोपे जाने का लगातार विरोध करते रहे हैं. अमित शाह की आज की टिप्पणी से दुख पहुंचा है और इसे देश की एकता पर असर पड़ेगा. स्टालिन ने अमित शाह के उनका बयान वापस लेने की मांग की है.

बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक में भी कन्नड़ पहचान और संस्कृति से जुड़े संगठनों ने सड़क पर उतरकर अमित शाह की अपील का विरोध किया है.

बहरहाल, पक्ष विपक्ष से इतर हिंदी भाषा से जुड़ी सच्चाई बार्क यानी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल की रिपोर्ट से पता चलती है. इसके मुताबिक हिंदी समाचार चैनलों के दर्शकों की संख्या में ग्रोथ 2017 के मुक़ाबले 2018 में चार प्रतिशत गिर गई है.

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