गृह मंत्री अमित शाह ने एक देश एक भाषा की अपील की, हुआ विरोध
मगर अमित शाह की इस अपील पर कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने विरोध दर्ज कराया है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया कि हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए. हम कई भाषाएँ सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृ-भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए.हमारे देश की सभी भाषाओं की व्यापकता और समृद्धता विश्व की किसी भी भाषा से बहुत अधिक है।
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2019
मैं देशवासियों से आह्वान करता हूं कि आप अपने बच्चों से, अपने सहकर्मियों से अपनी भाषा में बात कीजिए क्योंकि अगर हम ही अपनी भाषाओं को छोड़ देंगे तो उन्हें लंबे समय तक जीवित कैसे रखा जायेगा। pic.twitter.com/J6JbaN1JJn
हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। हम कई भाषाएँ सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृ-भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 14, 2019
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हिंदी हर भारतीय की मातृभाषा नहीं है. क्या आप इस धरती की तमाम मात्रभाषाओं की सुंदरता और विविधता की प्रशंसा करने की कोशिश करेंगे? संविधान का अनुच्छेद 29 हर भारतीय को अलग भाषा, लिखावट और संस्कृति का अधिकार देता है. ओवैसी ने ये भी कहा कि भारत हिंदी, हिंदू, और हिंदुत्वा से बहुत विशाल है.
वहीं तमिलनाडु में डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि वो हिंदी के थोपे जाने का लगातार विरोध करते रहे हैं. अमित शाह की आज की टिप्पणी से दुख पहुंचा है और इसे देश की एकता पर असर पड़ेगा. स्टालिन ने अमित शाह के उनका बयान वापस लेने की मांग की है. बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक में भी कन्नड़ पहचान और संस्कृति से जुड़े संगठनों ने सड़क पर उतरकर अमित शाह की अपील का विरोध किया है. बहरहाल, पक्ष विपक्ष से इतर हिंदी भाषा से जुड़ी सच्चाई बार्क यानी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल की रिपोर्ट से पता चलती है. इसके मुताबिक हिंदी समाचार चैनलों के दर्शकों की संख्या में ग्रोथ 2017 के मुक़ाबले 2018 में चार प्रतिशत गिर गई है. वीडियो देखियेHindi isn't every Indian's "mother tongue". Could you try appreciating the diversity & beauty of the many mother tongues that dot this land? Article 29 gives every Indian the right to a distinct language, script & culture.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 14, 2019
India's much bigger than Hindi, Hindu, Hindutva https://t.co/YMVjNlaYry
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