उत्पादों के बायकॉट से चीन की सेहत पर कितना असर पड़ेगा?

by Rahul Gautam 3 years ago Views 5788

How much will China's bycott by India affect the e
जब-जब भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव पैदा होता है, तब मेड इन चाइना के उत्पादों के बहिष्कार की हवा चलने लगती है. अब केंद्र में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेता और उनके समर्थक चीनी कंपनी के मोबाइल ऐप टिकटॉक को अनइंस्टाल करने की मुहिम चला रहे हैं. मक़सद यह है कि चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने चीन को आर्थिक चोट पहुंचाई जाए. आम धारणा है कि चीन की अर्थव्यवस्था का चक्का भारतीय बाज़ार से ही चलता है लेकिन आंकड़े इसकी गवाही नहीं देते।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चीन ने साल 2019 में 70.32 बिलियन डॉलर का उत्पाद भारत को एक्सपोर्ट किया और इसी दौरान भारत ने 16.75 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट चीन को किया. दोनों देशों के बीच  व्यापार घाटा बहुत ज़्यादा नहीं है. लिहाज़ा अगर बहिष्कार के चलते दोनों देशों के बीच कारोबार बंद भी हो जाता है तो इससे चीन की आर्थिक सेहत पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ेगा.


एक्सपोर्ट के मामले में चीन का सबसे बड़ा पार्टनर अमेरिका है जिसे चीन 418.6 अरब डॉलर का माल बेचता है. यह चीन के कुल एक्सपोर्ट का 16.8 फीसदी है. दूसरे नंबर पर हॉन्गकॉन्ग है जिसे चीन 279.6 बिलियन डॉलकर का सामान बेचता है और यह उसके कुल एक्सपोर्ट का 11.2 फीसदी है. वहीं 143.2 बिलियन डॉलर के साथ जापान तीसरे, 111 बिलियन डॉलर के साथ साउथ कोरिया चौथे, 98 बिलियन डॉलर के साथ वियतनाम पांचवें और 79.7 बिलियन डॉलर के साथ जर्मनी छठवें नंबर पर आता है. भारत का नंबर इन देशों के बाद आता है जहां चीन ने पिछले साल 70.32 बिलियन डॉलर का माल भेजा. चीन अपने ग्लोबल एक्सपोर्ट का सिर्फ 3 फीसदी साझेदार भारत के साथ है. आसान शब्दों में कहें तो भारत चीन से सामान खरीदना बंद कर दे, तब भी चीन को आर्थिक तौर पर मामूली नुकसान होगा. 

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इस तरह की मुहिम पर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है, आंकड़े साफ बता रहे हैं कि पब्लिक परसेप्शन से इतर भारत चीन के लिए कोई बहुत बड़ा बाजार नहीं है. चीन के साथ सीमा विवाद दशकों से चल रहा है और इससे निपटने की रणनीति भी उसे ही केंद्र में रखकर बनाई जानी चाहिए.

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