घर लौट चुके मज़दूरों को वापस बुलाने के लिए हवाई टिकट बांट रहे हैदराबाद के कारोबारी
लॉकडाउन की वजह से घर लौट चुके प्रवासी मज़दूरों को हवाई जहाज और एसी ट्रेनों से वापस बुलाया जा रहा है. हैदराबाद के कई बिल्डर्स बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से मज़दूरों को वापस काम पर बुलाने के लिए हवाई जहाज का टिकट बुक कर रहे हैं.
हवाई जहाज़ के टिकटों के लिए प्रति व्यक्ति चार हज़ार से पांच हज़ार रूपये का ख़र्च आ रहा है और एसी ट्रेन की टिकट का ख़र्च 1800-2000 रूपये पड़ता है.
प्रेस्टीज ग्रुप के सीनियर उपाध्यक्ष सुरेश कुमार की कंपनी में तीन हज़ार मज़दूर काम करते थे लेकिन लॉकडाउन की वजह अब सिर्फ 700 मज़दूर ही बचे हैं और कारख़ानों में काम थम गया है. सुरेश कुमार ने कहा कि मज़दूरों को वापस काम पर बुलाने के लिए ख़र्च करने की ज़रूरत है और दस मज़दूरों का जत्था 6 जून को पटना से बंगलुरू के लिए रवाना होगा. आगे भी इस तरह से मज़दूरों को बुलाया जाएगा. हालांकि मज़दूरों को वापस बुलाने के लिए इस तरह की कोशिश सिर्फ प्रेस्टीज ग्रुप की तरफ से नहीं हुई है. कई कंस्ट्रक्शन कंपनिया भी मज़दूरों के लिए हवाई जहाज और एसी ट्रेनों से टिकट बुक कराने की तैयारी कर रही हैं. वीडियो देखिए एक ठेकेदार का कहना है कि 2500 मज़दूरों में महज़ 10-15 फीसदी मज़दूर ही बचे हैं. ऐसे में उन्हें वापस बुलाने के लिए ऐसी कोशिश करनी होगी. हैदराबाद के ओम श्री बिल्डर्स के सीईओ तापस पटेल के मुताबिक उनकी कंपनी ने 300 मज़दूरों के लिए एसी टिकट बुक किया है. यही नहीं, टिकट के अलावा दस हज़ार रूपये अडवांस दिए जाएंगे. वापस बुलाए जा रहे मज़दूरों में कारपेंटर, पेंटर, ग्रेनाइट कामगार शामिल हैं. हैदराबाद में 40-50 फीसदी मज़दूर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के ही हैं. इसके अलावा यहां यूपी, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से भी मज़दूर काम करने आते हैं.
प्रेस्टीज ग्रुप के सीनियर उपाध्यक्ष सुरेश कुमार की कंपनी में तीन हज़ार मज़दूर काम करते थे लेकिन लॉकडाउन की वजह अब सिर्फ 700 मज़दूर ही बचे हैं और कारख़ानों में काम थम गया है. सुरेश कुमार ने कहा कि मज़दूरों को वापस काम पर बुलाने के लिए ख़र्च करने की ज़रूरत है और दस मज़दूरों का जत्था 6 जून को पटना से बंगलुरू के लिए रवाना होगा. आगे भी इस तरह से मज़दूरों को बुलाया जाएगा. हालांकि मज़दूरों को वापस बुलाने के लिए इस तरह की कोशिश सिर्फ प्रेस्टीज ग्रुप की तरफ से नहीं हुई है. कई कंस्ट्रक्शन कंपनिया भी मज़दूरों के लिए हवाई जहाज और एसी ट्रेनों से टिकट बुक कराने की तैयारी कर रही हैं. वीडियो देखिए एक ठेकेदार का कहना है कि 2500 मज़दूरों में महज़ 10-15 फीसदी मज़दूर ही बचे हैं. ऐसे में उन्हें वापस बुलाने के लिए ऐसी कोशिश करनी होगी. हैदराबाद के ओम श्री बिल्डर्स के सीईओ तापस पटेल के मुताबिक उनकी कंपनी ने 300 मज़दूरों के लिए एसी टिकट बुक किया है. यही नहीं, टिकट के अलावा दस हज़ार रूपये अडवांस दिए जाएंगे. वापस बुलाए जा रहे मज़दूरों में कारपेंटर, पेंटर, ग्रेनाइट कामगार शामिल हैं. हैदराबाद में 40-50 फीसदी मज़दूर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के ही हैं. इसके अलावा यहां यूपी, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से भी मज़दूर काम करने आते हैं.
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