कोरोना वायरस: सबसे युवा, सबसे सख़्त और सबसे ग़रीब देश भारत की क्या है स्थिति ?
हिन्दुस्तान कोरोना महामारी के मामले टॉप दस देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है। हालांकि देश में कोरोना के मामले को क़ाबू करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन कर दी गई। 25 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ तब देश में महज़ 657 मामले थे जो अब बढ़कर 165,000 को पार कर चुका है। हालांकि ये महामारी चीन से शुरू हुआ जो अब दुनिया में 15वें नंबर पर है।
टॉप दस देशों में शामिल भारत और रूस में कोरोना के मरीज़ों की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा सभी आठ देशों में मौतें कम हो रही है। अबतक कोरोना की वजह से सबसे ज़्यादा मौतें अमेरिका में हुई है लेकिन अब यहां संक्रमित मरीज़ों की मौतों में गिरावट देखने को मिल रहा है। इसके बाद ब्राज़ील में अबतक 26 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई हैं लेकिन यहां भी अब मौतों में गिराटव आ रही है। इसके अलावा इटली, स्पेन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी में अब मरीज़ों की मौतें कम हो रही है। वहीं तुर्की में मौतों के आंकड़े में आई गिरावट के बाद फिर बढ़ने लगा है।
हालांकि कोरोना से मरने वालों में 40 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों की तादाद अधिक है। आंकड़े बताते हैं कि इटली में 45 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों की तादाद सबसे ज़्यादा है। यहां कुल कोरोना के मामलों में अबतक 33 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है और इटली में कोरोना मरीज़ों की मृत्यु दर 14.3 फीसदी है। इसी तरह जर्मनी में भी औसत आयु 45 साल है। स्पेन में 43 साल, फ्रांस में 41 साल, ब्रिटेन में 40 साल, रूस में 38 साल, अमेरिका में 37 साल, चीन में 37 साल, ब्राज़ील में 31 साल, तुर्की में 29 साल और भारत में ये 26 साल है। यानि भारत एक ग़रीब देश ज़रूर है लेकिन युवाओं के मामले में अमीर है। इसके अलावा यदि कोरोना महामारी से जूझ रहे टॉप दस देशों में प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े देखें तो इसमें भारत सबसे निचले पायदान पर है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि भारत में दूसरे देशों के मुक़ाबले प्रति व्यक्ति आय महज़ 5,961 डॉलर है। सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश चीन में प्रति व्यक्ति आय 12 हज़ार डॉलर से भी ज़्यादा है। इस मामले में सबसे ऊपर अमेरिका है, जहां खरीदारी क्षमता के आधार पर देखा जाए तो प्रति व्यक्ति आय 53 हज़ार डॉलर से भी ज़्यादा है।
हालांकि कोरोना से मरने वालों में 40 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों की तादाद अधिक है। आंकड़े बताते हैं कि इटली में 45 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों की तादाद सबसे ज़्यादा है। यहां कुल कोरोना के मामलों में अबतक 33 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है और इटली में कोरोना मरीज़ों की मृत्यु दर 14.3 फीसदी है। इसी तरह जर्मनी में भी औसत आयु 45 साल है। स्पेन में 43 साल, फ्रांस में 41 साल, ब्रिटेन में 40 साल, रूस में 38 साल, अमेरिका में 37 साल, चीन में 37 साल, ब्राज़ील में 31 साल, तुर्की में 29 साल और भारत में ये 26 साल है। यानि भारत एक ग़रीब देश ज़रूर है लेकिन युवाओं के मामले में अमीर है। इसके अलावा यदि कोरोना महामारी से जूझ रहे टॉप दस देशों में प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े देखें तो इसमें भारत सबसे निचले पायदान पर है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि भारत में दूसरे देशों के मुक़ाबले प्रति व्यक्ति आय महज़ 5,961 डॉलर है। सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश चीन में प्रति व्यक्ति आय 12 हज़ार डॉलर से भी ज़्यादा है। इस मामले में सबसे ऊपर अमेरिका है, जहां खरीदारी क्षमता के आधार पर देखा जाए तो प्रति व्यक्ति आय 53 हज़ार डॉलर से भी ज़्यादा है।
उधर सख्ती के मामले में भारत, चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। यानि भारत सख्ती से निपटने में ऊपर है लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में सबसे नीचे। हालांकि जर्मनी में सरकार ने सबसे कम सख्ती दिखाई है जबकि प्रति व्यक्ति आय के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। तमाम आंकड़ों से साफ है कि भारत में सख़्ती से की गई लॉकडाउन फेल साबित हो रही है और कोरोना के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। वीडियो देखिए
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