स्पेन से लौटे भारतीय का दावा- नहीं की गई COVID-19 की टेस्टिंग
भारत में कोरोनावायरस से निपटने को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। इसमें सबसे ज़रूरी है तमाम संक्रमित देशों से आए लोगों की गहन जांच ताकि और लोग बीमार ना हो सकें। लेकिन हाल में ही स्पेन से लौटे 150 भारतीयों ने दावा किया है की उनका सिर्फ तापमान मापा गया, सिम्पटम्स पूछे गए और बिना किसी टेस्टिंग के घर भेज दिया गया।
कोरोनावायरस से बचने के लिए सरकार तमाम कदम उठाने की बात कर रही है। इसमें COVID-19 से संक्रमित देशों से आ रहे लोगों को 14 दिन के लिए अलग रखने का दावा भी शामिल है। लेकिन विदेश से लौटे लोग सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में बुरी व्यवस्था और ढीले रवैये की कहानी बयान कर रहे हैं।
स्पेन से लगभग 150 लोग सोमवार को दिल्ली पहुंचे और उन्हें द्वारका के दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में रखा गया था। मगर यहाँ पहुंचने पर लोगों ने सेंटर के बदइंतेज़ामी पर नाराज़गी ज़ाहिर की और ज़मीनी तस्वीर दिखाकर सरकारी दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने आरोप लगाया की प्रशासन का कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने का रवैया संजीदा कम और दिखावटी ज्यादा है। दरअसल, लोगों को बसों में भरकर द्वारका के ट्रेनिंग सेंटर ले जाया गया लेकिन सरकारी लापरवाही का आलम ये था की लोगों को बिना किसी टेस्ट के कई घंटों तक बस में ही रोका गया। इसके अलावा इन भारतीय नागरिकों ने बचाव की ज़रूररी चीज़ें जैसे सैनिटाइज़र और मास्क तक उपलब्ध ना होने की शिकायत की। द्वारका में ठहराई जगह की साफ़-सफाई पर भी लोगों में काफी नाराज़गी दिखी, सोने के लिए साफ चादरों की भी किल्लत दिखी। यहाँ तक कि, वहा जांच करने के लिए डॉक्टर्स तक उपलब्ध नहीं थे। इन लोगों का आरोप था की 6 घंटों तक खाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। वीडियो देखिए बाद में, लोगों के विरोध पर उन्हें लेमन ट्री होटल ले जाया गया, जहां लोगों से 14 दिन रुकने के लिए पहले 56 हज़ार रूपए जमा करने की कहा गया। जिस पर लोगों ने विरोध कर सेल्फ क्वारंटाइन होने के लिए अथॉरिटीज़ पर दबाओ बनाया। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि काफी विरोध के बाद लोगों का सिर्फ तापमान मापा गया और सिम्पटम्स पूछ कर बिना किसी टेस्टिंग के उन्हें घर भेज दिया गया। सरकार के इस ढीले रवैये से लोगों में चिंताएं और बढ़ गई है कि कम से कम संक्रमित देशों से आ रहे लोगों पर खास जांच पड़ताल करने की ज़रूरत है।
स्पेन से लगभग 150 लोग सोमवार को दिल्ली पहुंचे और उन्हें द्वारका के दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में रखा गया था। मगर यहाँ पहुंचने पर लोगों ने सेंटर के बदइंतेज़ामी पर नाराज़गी ज़ाहिर की और ज़मीनी तस्वीर दिखाकर सरकारी दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने आरोप लगाया की प्रशासन का कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने का रवैया संजीदा कम और दिखावटी ज्यादा है। दरअसल, लोगों को बसों में भरकर द्वारका के ट्रेनिंग सेंटर ले जाया गया लेकिन सरकारी लापरवाही का आलम ये था की लोगों को बिना किसी टेस्ट के कई घंटों तक बस में ही रोका गया। इसके अलावा इन भारतीय नागरिकों ने बचाव की ज़रूररी चीज़ें जैसे सैनिटाइज़र और मास्क तक उपलब्ध ना होने की शिकायत की। द्वारका में ठहराई जगह की साफ़-सफाई पर भी लोगों में काफी नाराज़गी दिखी, सोने के लिए साफ चादरों की भी किल्लत दिखी। यहाँ तक कि, वहा जांच करने के लिए डॉक्टर्स तक उपलब्ध नहीं थे। इन लोगों का आरोप था की 6 घंटों तक खाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। वीडियो देखिए बाद में, लोगों के विरोध पर उन्हें लेमन ट्री होटल ले जाया गया, जहां लोगों से 14 दिन रुकने के लिए पहले 56 हज़ार रूपए जमा करने की कहा गया। जिस पर लोगों ने विरोध कर सेल्फ क्वारंटाइन होने के लिए अथॉरिटीज़ पर दबाओ बनाया। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि काफी विरोध के बाद लोगों का सिर्फ तापमान मापा गया और सिम्पटम्स पूछ कर बिना किसी टेस्टिंग के उन्हें घर भेज दिया गया। सरकार के इस ढीले रवैये से लोगों में चिंताएं और बढ़ गई है कि कम से कम संक्रमित देशों से आ रहे लोगों पर खास जांच पड़ताल करने की ज़रूरत है।
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