बुलंदशहर कांड: इंस्पेक्टर सुबोध के परिवार ने छह मुलज़िमों की ज़मानत रद्द करने की मांग की
बुलंदशहर कांड के छह मुलज़िमों की ज़मानत और फूल मालाओं के साथ उनके स्वागत पर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह और बेटे अभिषेक ने विरोध किया है। रजनी ने कहा कि हिंसा के आरोपी ऐसा ही स्वागत आठ महीने पहले चाहते थे जब उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया था।
मगर जो स्वागत उस वक़्त नहीं हो पाया था, उसे अब किया जा रहा है। रजनी ने कहा कि शायद ये लोग नेता बनना चाहते हैं जिन्होंने आठ महीने पहले हिंसा भी इसी मक़सद से किया था और अब स्वागत भी उसी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। रजनी ने यूपी के सीएम आदित्यनाथ से मांग की कि सभी आरोपियों की ज़मानत रद्द की जाए।
वहीं इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बेटे अभिषेक ने इन मुलज़िमों को ज़मानत मिलने पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों पर तकरीबन 20 गंभीर धाराओं में मुक़दमा दर्ज हुआ था, फिर इन्हें ज़मानत कैसे मिल गई? अभिषेक ने समाज के सभी वर्गों से अपील की है कि ऐसे तत्वों का स्वागत करके इन्हें प्रोत्साहित न करें। ऐसा करने से न सिर्फ इनका मन बढ़ता है बल्कि ये समाज में ग़लत मिसाल बनाते हैं। बता दें कि, बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह ज़िले के स्याना थाने में इंचार्ज थे और हिंसा करने वालों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इस मामले में 36 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था।
वहीं इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बेटे अभिषेक ने इन मुलज़िमों को ज़मानत मिलने पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों पर तकरीबन 20 गंभीर धाराओं में मुक़दमा दर्ज हुआ था, फिर इन्हें ज़मानत कैसे मिल गई? अभिषेक ने समाज के सभी वर्गों से अपील की है कि ऐसे तत्वों का स्वागत करके इन्हें प्रोत्साहित न करें। ऐसा करने से न सिर्फ इनका मन बढ़ता है बल्कि ये समाज में ग़लत मिसाल बनाते हैं। बता दें कि, बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह ज़िले के स्याना थाने में इंचार्ज थे और हिंसा करने वालों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इस मामले में 36 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था।
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