देश का अपमान, कौन है इसका ज़िम्मेदार ?

by GoNews Desk 4 years ago Views 5155

आजकल देश का अपमान हो रहा है। वर्ल्ड इकनोमिक फोरम से लेकर द इकोनॉमिस्ट और वाशिंगटन पोस्ट जैसे अंतर्रष्ट्रिय अख़बार हमारे देश के बारे में अच्छा नहीं लिख रहे हैं। कौन है इसका ज़िम्मेदार।आख़िर पिछले छह साल में ऐसा क्या हो गया कि पूरी दुनिया जो हमारे देश को इकनोमिक पावरहाउस कहती थी अब वही लोग हमारे देश को अपमानित कर रहे हैं।

देश का अपमान


कौन है इसका ज़िम्मेदार। आख़िर पिछले छह साल में ऐसा क्या हो गया कि पूरी दुनिया जो हमारे देश को economic powerhouse कहती थी अब वही लोग हमारे देश को अपमानित कर रहे हैं। 

कौन है इसका ज़िम्मेदार। क्या ख़ुद भारत की सरकार, सरकार की नीतियाँ या सरकार को चलाने वाली सबसे बड़ी पार्टी?

देखिए द इकॉनमिस्ट के कुछ कवर पेज। 

ये तस्वीर २०१० की है इसमें कहा गया है कि कैसे भारत चीन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ देगा। ये बात दो हज़ार दस की है। फिर दो हज़ार चौदह में मोदी जी आए। लेकिन उससे पहले उनके आने की आहट पाकर ही द इकानमिस्ट ने कवर पेज पर कहा कि क्या मोदी भारत को बचाएँगे या बर्बाद कर देंगे। 

याद कीजिए मोदी जी ने क्या कहा था? ये पाँच छह साल पहले की बात है। मैं याद दिलाता हूँ। उन्होंने कहा था कि वे भारत को विश्व गुरु बनाना चाहते हैं। बड़े बड़े अर्थशास्त्री और व्यापारी कह रहे हैं कि अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। और सोने पर सुहागा ये कि मोदी सरकार की नीतीयों का हवाला  देते हुए अंतर्रष्ट्रिय मीडिया अब ये कहने लगा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए ख़तरा बन चुके हैं। द इकानमिस्ट ने भाजपा के चुनाव चिन्ह के साथ ये कवर पेज बनाया कि भारत असहिष्णु हो गया है। intolerant India ये हेडिंग लगाई गई है। 

अब आप ही बताइए ये देश का अपमान है कि नहीं। कौन है इसका ज़िम्मेदार? 

और अब world economic forum में जॉर्ज सोरोस ने अपने भाषण में जो कहा वो चौंकाने वाला है बयान है। जॉर्ज सोरोस अमरीका के बहुत बड़े उद्योगपति हैं और समाजसेवा के काम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के घटनाक्रम काफ़ी डराने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ओपन सोसायटी यानी खुले समाज के लिए राष्ट्रवाद का भड़कना अच्छा नहीं है। राष्ट्रवाद खुले समाज के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है। कश्मीर और CAA जैसे क़ानून का हवाला देते हुए जॉर्ज सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर कहा कि लोकतांत्रिक तरीक़े से चुने जाने के बाद, वे भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।  

कहाँ तो भारत को विश्व गुरु बनाने की वादा किया गया था और कहा दुनिया भर में देश का नाम बदनाम हो रहा है। इंटर्नैशनल मीडिया और इंटर्नैशनल corporate world भारत के बारे में क्या कह रहा है? ये अफ़सोसनाक है।

इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? ये बात हमको और आपको ज़रूर सोचना चाहिए कि आख़िर ऐसा क्यूँ हो रहा है? एक सर्वे में भारत को लोकतंत्र के पैमाने पर downgrade कर दिया गया है। डेमोक्रेसी इंडेक्स में दस पायदान नीचे कर दिया गया। इसके अलावा एक समय भारत को economic powerhouse कहा जा रहा था वहीं IMF अब ये कह रहा है की दुनिया में आर्थिक मंदी के लिए 80% भारत ज़िम्मेदार है! 

ये देश का अपमान नहीं है तो और क्या है।

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