कोरोना वायरस: महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर शुरू हुई जय जगत यात्रा फिलहाल स्थगित
कोरोनावायस की वजह से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर शुरु हुई जय जगत पद यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। बता दें कि इस यात्रा में कई देशों के प्रतिनिधि अहिंसा और शांति का संदेश देने के लिए निकले थे। इस यात्रा को 11 हज़ार किलोमीटर का सफर तय करते हुए 2 अक्टूबर 2020 को जेनेवा पहुंचना था।
पैदल यात्रा पर निकले इन लोगों को जानलेवा बीमारी कोरोनावायरस ने अब रोक दिया है। ये लोग न्याय और शांति की उम्मीद के लिए निकले थे। जिनका सपना था कि दुनिया के हर हिस्से में शांति हो और लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो। इस यात्रा की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की समाधि राजघाट दिल्ली से हुई। राजधानी दिल्ली के अलावा ये यात्रा भारत के अलग-अलग राज्यों और कई देशों के 50 पदयात्रियों के साथ 365 दिन की पदयात्रा कर 10 देशों से होते हुए 2 अक्टूबर 2020 को स्विट्जरलैंड के जिनेवा पहुंचना था।
इस यात्रा का मक़सद अहिंसा और न्याय के अलावा ग़रीबी उन्मूलन, जलवायु संकट, असमानता हटाओ, के अलावा और कई छोटे बड़े मुद्दे थे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंसा से मुक्ती था। जिसमें किसी भी प्रकार की हिंसा से मुक्ति, शांति के साथ खुशहाली की कल्पना की गई थी। वहीं इस यात्रा में भेदभाव, ऊंच-नीच और असमानता को ख़त्म कर बराबरी के आधार पर स्वाभाविक स्वाभिमान ज़िंदगी जीने का पूरी दुनिया में लोगों को हक दिलाने के साथ ही जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रकृति को सुरक्षित रखना और रासायनिक खाद, प्लास्टिक और कार्बन उत्सर्जन करने वाले उघोगों को रोककर प्राकृति को स्वस्थ बनाने का उद्देश्य था। लेकिन अब कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए इस यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। कोरोना के ख़तरे के कम होने के बाद एक बार यात्रा फिर से शुरु होगी। वीडियो देखिए बता दें कि दुनियाभर के सारे संगठन जिनेवा में स्थित हैं, जो अपनी नीतियों से पूरे संसार को नियंत्रित और प्रभावित करने का काम करते हैं। जिसकी वजह से इस यात्रा को वहां ले जाया जा रहा था। ताकि विश्व में शांति के साथ सद्भाव का वातावरण बनाया जा सके। ताकि सभी को न्याय मिल सके और सभी समानता के साथ अपनी ज़िंदगी जी सके कोरोना वायरस के ख़तरे के ख़त्म होने के बाद यात्रा फिर शुरु होने के आसार हैं।
इस यात्रा का मक़सद अहिंसा और न्याय के अलावा ग़रीबी उन्मूलन, जलवायु संकट, असमानता हटाओ, के अलावा और कई छोटे बड़े मुद्दे थे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंसा से मुक्ती था। जिसमें किसी भी प्रकार की हिंसा से मुक्ति, शांति के साथ खुशहाली की कल्पना की गई थी। वहीं इस यात्रा में भेदभाव, ऊंच-नीच और असमानता को ख़त्म कर बराबरी के आधार पर स्वाभाविक स्वाभिमान ज़िंदगी जीने का पूरी दुनिया में लोगों को हक दिलाने के साथ ही जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रकृति को सुरक्षित रखना और रासायनिक खाद, प्लास्टिक और कार्बन उत्सर्जन करने वाले उघोगों को रोककर प्राकृति को स्वस्थ बनाने का उद्देश्य था। लेकिन अब कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए इस यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। कोरोना के ख़तरे के कम होने के बाद एक बार यात्रा फिर से शुरु होगी। वीडियो देखिए बता दें कि दुनियाभर के सारे संगठन जिनेवा में स्थित हैं, जो अपनी नीतियों से पूरे संसार को नियंत्रित और प्रभावित करने का काम करते हैं। जिसकी वजह से इस यात्रा को वहां ले जाया जा रहा था। ताकि विश्व में शांति के साथ सद्भाव का वातावरण बनाया जा सके। ताकि सभी को न्याय मिल सके और सभी समानता के साथ अपनी ज़िंदगी जी सके कोरोना वायरस के ख़तरे के ख़त्म होने के बाद यात्रा फिर शुरु होने के आसार हैं।
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