यूपीएससी के मेंस एग़्ज़ाम में जामिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग ने झंडे गाड़े
विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ जामिया मिल्लिया इस्लामिया समेत कई विश्वविद्यालय सत्ता पक्ष के निशाने पर हैं. मगर इसी यूनिवर्सिटी में रहकर तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स यूपीएससी के एग्ज़ाम में कामयाबी का झंडा लहरा रहे हैं. यूपीएससी के मेन्स एग्ज़ाम में जामिया के 50 फ़ीसदी बच्चों ने बाज़ी मार ली है.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया देश के उन विश्वविद्यालयों में शुमार है जहां यूपीएससी एग्ज़ाम के लिए चलाई जा रही रेज़िडेंशियल कोचिंग एकेडमी बेहद कामयाब है. यूपीएससी के ताज़ा नतीजे भी इसकी तस्दीक़ करते हैं. इस एकैडमी के 102 स्टूडेंट्स ने यूपीएससी मेन्स के एग्ज़ाम में हिस्सा लिया था जिनमें से 54 यानी 50 फ़ीसदी से भी ज़्यादा स्टूडेंट्स पास हो गए हैं. अब 27 जनवरी से इन अभ्यर्थियों का इंटरव्यू होना है जिसके बाद अंतिम नतीजों का ऐलान होगा.
जामिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग एकेडमी ने इस परीक्षा के लिए 200 स्टूडेंट्स को कोचिंग दी थी. जब पिछले साल प्रीलिम्स के नतीजे आए तब भी 102 यानी 50 फ़ीसदी से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने इस एग्ज़ाम को पास कर लिया था. इन्हीं स्टूडेंट्स ने यूपीएससी के मेन्स एग्ज़ाम में हिस्सा लिया और 54 स्टूडेंट्स बाज़ी मारने में क़ामयाब हो गए. इस क़ामयाबी के बाद जामिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग एकेडमी में जश्न का माहौल है. जामिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग एकैडमी की शुरुआत 2010 में हुई थी जिसके मानद निदेशक रिटायर्ड आईएएस एमए फारूक़ी हैं. 2018 में इस एकैडमी से 43 स्टूडेंट्स ने यूपीएससी का एग्ज़ाम क्वॉलिफाई किया था. 2018 में यूपीएससी के तीसरे टॉपर जुनैद अहमद भी इसी एकैडमी से निकले हैं. वीडियो देखिये इस एकैडमी की लोकप्रियता इस क़दर बढ़ गई है कि यहां दाख़िला पाने वालों की क़तार लग गई है. 2018 में इस कोचिंग में 7,245 स्टूडेंट्स ने दाख़िले के लिए अर्ज़ी लगाई थी जो 2019 में यह संख्या बढ़कर 13 हज़ार 129 पहुंच गई. हालांकि यही यूनिवर्सिटी नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनों के चलते सत्तापक्ष के निशाने पर भी है. विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली पुलिस ने 15 दिसंबर की शाम यहां के स्टूडेंट्स पर बर्बर कार्रवाई की थी और स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी में घुसकर बुरी तरह मारा था.
जामिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग एकेडमी ने इस परीक्षा के लिए 200 स्टूडेंट्स को कोचिंग दी थी. जब पिछले साल प्रीलिम्स के नतीजे आए तब भी 102 यानी 50 फ़ीसदी से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने इस एग्ज़ाम को पास कर लिया था. इन्हीं स्टूडेंट्स ने यूपीएससी के मेन्स एग्ज़ाम में हिस्सा लिया और 54 स्टूडेंट्स बाज़ी मारने में क़ामयाब हो गए. इस क़ामयाबी के बाद जामिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग एकेडमी में जश्न का माहौल है. जामिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग एकैडमी की शुरुआत 2010 में हुई थी जिसके मानद निदेशक रिटायर्ड आईएएस एमए फारूक़ी हैं. 2018 में इस एकैडमी से 43 स्टूडेंट्स ने यूपीएससी का एग्ज़ाम क्वॉलिफाई किया था. 2018 में यूपीएससी के तीसरे टॉपर जुनैद अहमद भी इसी एकैडमी से निकले हैं. वीडियो देखिये इस एकैडमी की लोकप्रियता इस क़दर बढ़ गई है कि यहां दाख़िला पाने वालों की क़तार लग गई है. 2018 में इस कोचिंग में 7,245 स्टूडेंट्स ने दाख़िले के लिए अर्ज़ी लगाई थी जो 2019 में यह संख्या बढ़कर 13 हज़ार 129 पहुंच गई. हालांकि यही यूनिवर्सिटी नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनों के चलते सत्तापक्ष के निशाने पर भी है. विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली पुलिस ने 15 दिसंबर की शाम यहां के स्टूडेंट्स पर बर्बर कार्रवाई की थी और स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी में घुसकर बुरी तरह मारा था.
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