JNU में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी समेत नए नियमों के ख़िलाफ़ छात्र संघ का प्रदर्शन
देश के जाने-माने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स के लिए रहना-खाना और बिजली पानी का इस्तेमाल 300 से 900 गुना तक महंगा हो गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह फ़ैसला करने से पहले स्टूडेंट यूनियन के नुमाइंदों के साथ बातचीत तक नहीं की.
जेएनयू में तकरीबन 18 हॉस्टल हैं और यहां 5000 से 6000 स्टूडेंट हैं. नए हॉस्टल मैनुअल के मुताबिक
डबल सीटर रूम की फ़ीस 10 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए सिंगल सीटर रूम की फ़ीस 20 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए पहली बार सर्विस चार्ज के रूप में 1700 रुपए की वसूली मेस रिफंडेबल फ़ीस 5000 से बढ़ाकर 12000 रुपए इसके अलावा हॉस्टल की टाइमिंग में बदलाव, लाइब्रेरी की टाइमिंग में कटौती और ड्रेस कोड जैसे मुद्दों पर भी छात्र विरोध कर रहे हैं. प्रशासन हर साल इस फ़ीस में 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की भी तैयारी कर रहा है. प्रदर्शन के दौरान जेएनयूएसयू के प्रतिनिधियों ने एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाक़ात की और उन्होंने सभी समस्याओं का हल निकालने का भरोसा दिया है और एक ट्वीट भी किया. वहीं प्रदर्शनकारी छात्र अभी भी डटे हुए हैं, उनका कहना है कि वे वीसी, प्रॉक्टर, रेक्टर या डीन से लिखित में भरोसा चाहते हैं, तब अपना धरना ख़त्म करेंगे. जेएनयू स्टूडेंट इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ 15 दिन से कैंपस में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सोमवार को दीक्षांत समारोह के मौक़े पर यह प्रदर्शन उग्र हो गया. जेएनयू का दीक्षांत समारोह कैंपस से तीन किलोमीटर दूर वसंत कुंज में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के ऑडिटोरियम में हो रहा था जहां उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक बतौर मेहमान पहुंचे थे. इन्हें भी छात्रों के विरोध का सामाना करना पड़ा. वीडियो देखिये प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स का कहना है कि जेएनयू में देश के कोने कोने से और बेहद ग़रीब परिवारों के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. कैंपस में तक़रीबन 40 फ़ीसदी बच्चे उन परिवारों से आते हैं जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से कम है. अगर बढ़ी हुई फ़ीस वसूली गई तो ऐसे छात्रों से बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ेगी. छात्रों का यह भी कहना है कि यह फ़ैसला मनमाने तरीक़े से हुआ है और जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार उनसे मिलने के लिए तैयार नहीं हैं.
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डबल सीटर रूम की फ़ीस 10 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए सिंगल सीटर रूम की फ़ीस 20 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए पहली बार सर्विस चार्ज के रूप में 1700 रुपए की वसूली मेस रिफंडेबल फ़ीस 5000 से बढ़ाकर 12000 रुपए इसके अलावा हॉस्टल की टाइमिंग में बदलाव, लाइब्रेरी की टाइमिंग में कटौती और ड्रेस कोड जैसे मुद्दों पर भी छात्र विरोध कर रहे हैं. प्रशासन हर साल इस फ़ीस में 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की भी तैयारी कर रहा है. प्रदर्शन के दौरान जेएनयूएसयू के प्रतिनिधियों ने एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाक़ात की और उन्होंने सभी समस्याओं का हल निकालने का भरोसा दिया है और एक ट्वीट भी किया. वहीं प्रदर्शनकारी छात्र अभी भी डटे हुए हैं, उनका कहना है कि वे वीसी, प्रॉक्टर, रेक्टर या डीन से लिखित में भरोसा चाहते हैं, तब अपना धरना ख़त्म करेंगे. जेएनयू स्टूडेंट इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ 15 दिन से कैंपस में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सोमवार को दीक्षांत समारोह के मौक़े पर यह प्रदर्शन उग्र हो गया. जेएनयू का दीक्षांत समारोह कैंपस से तीन किलोमीटर दूर वसंत कुंज में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के ऑडिटोरियम में हो रहा था जहां उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक बतौर मेहमान पहुंचे थे. इन्हें भी छात्रों के विरोध का सामाना करना पड़ा. वीडियो देखिये प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स का कहना है कि जेएनयू में देश के कोने कोने से और बेहद ग़रीब परिवारों के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. कैंपस में तक़रीबन 40 फ़ीसदी बच्चे उन परिवारों से आते हैं जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से कम है. अगर बढ़ी हुई फ़ीस वसूली गई तो ऐसे छात्रों से बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ेगी. छात्रों का यह भी कहना है कि यह फ़ैसला मनमाने तरीक़े से हुआ है और जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार उनसे मिलने के लिए तैयार नहीं हैं.
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