देशद्रोह का मुक़दमा चलाए जाने से ख़ुश हैं कन्हैया कुमार और उमर ख़ालिद
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत कुल 10 लोगों ख़िलाफ़ देशद्रोह का केस चलाने की मंज़ूरी दे दी है। जिसके बाद कन्हैया कुमार ने दिल्ली सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि वो आशा करते हैं कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई जल्द हो।
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत कुल 10 लोगों पर दिल्ली सरकार ने देशद्रोह का मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी दे दी है। वहीं कन्हैया कुमार ने अपने ऊपर मुक़दमा चलाए जाने के फैसले पर मंज़ूरी देने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि अदालत में मुक़दमा चले ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने भी बयान जारी किया है. उमर ख़ालिद ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘दिल्ली सरकार की ओर से देशद्रोह का मुक़दमा चलाए जाने की मंज़ूरी देना हमें परेशान करने वाला नहीं है. हमें अपनी बेगुनाही पर यक़ीन है, न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम लोग खुद ही इस मामले को अदालत में ले जाने की मांग करते रहे हैं.’ उन्होंने यह भी लिखा कि इस सुनवाई से हम बरी होंगे और यह साबित हो जाएगा कि सरकार की शह पर हम लोगों के ख़िलाफ़ मीडिया ट्रायल चला जो दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित था.
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत कुल 10 लोगों पर दिल्ली सरकार ने देशद्रोह का मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी दे दी है। वहीं कन्हैया कुमार ने अपने ऊपर मुक़दमा चलाए जाने के फैसले पर मंज़ूरी देने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि अदालत में मुक़दमा चले ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। सत्यमेव जयते।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 28, 2020
छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने भी बयान जारी किया है. उमर ख़ालिद ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘दिल्ली सरकार की ओर से देशद्रोह का मुक़दमा चलाए जाने की मंज़ूरी देना हमें परेशान करने वाला नहीं है. हमें अपनी बेगुनाही पर यक़ीन है, न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम लोग खुद ही इस मामले को अदालत में ले जाने की मांग करते रहे हैं.’ उन्होंने यह भी लिखा कि इस सुनवाई से हम बरी होंगे और यह साबित हो जाएगा कि सरकार की शह पर हम लोगों के ख़िलाफ़ मीडिया ट्रायल चला जो दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित था.
कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के अलावा सात अन्य लोगों पर भी देशद्रोह का मुक़दमा चलाए जाने की मंज़ूरी मिली है. दिल्ली पुलिस की यह अर्ज़ी दिल्ली सरकार के पास 14 जनवरी 2019 से लंबित थी. दिल्ली विधानसभा के चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह ने इसे मुद्दा बनाते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरने की कोशिश की थी. उन्होंने तमाम चुनावी रैलियों में कहा था कि देशद्रोह का नारा लगाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन दिल्ली सरकार आरोपियों पर मुक़दमा चलाए जाने की मंज़ूरी नहीं दे रही है. वीडियो देखिये देशद्रोह का यह मामला जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से जुड़ा है. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दावा किया गया है कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में देशविरोधी नारेबाज़ी की गई थी. और नारेबाज़ी करने वालों में तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था. उस वक़्त दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था लेकिन कुछ ही दिन बाद अदालत ने सभी को ज़मानत पर रिहा कर दिया था.(1/3) Statement by Me and Anirban:
— Umar Khalid (@UmarKhalidJNU) February 28, 2020
The news of Delhi govt granting sanction to sedition case against us doesn't trouble us at all. We are confident of our innocence, have full faith in the judiciary & have ourselves been demanding the case against us to be tried in the courts.
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