कानपुर एनकाउंटर: ‘योगी सरकार विकास दुबे से मिली है या घोर नाकारा है’

by Shahnawaz Malik 3 years ago Views 3753

Kanpur Encounter: 'Yogi Sarkar is supporting Vikas
एक गैंगेस्टर को पकड़ने में एक डीएसपी समेत आठ पुलिसवालों की जान गंवाने वाली यूपी पुलिस नाकामी का रिकॉर्ड बना रही है. चार दिन गुज़रने के बावजूद गैंगेस्टर विकास दुबे उसकी गिरफ़्त से बाहर है. पकड़ने के नाम पर उसके पोस्टर लगाए जा रहे हैं और सुराग देने वाले की इनामी राशि बढ़ाई जा रही है. विकास दुबे की आख़िरी लोकेशन यूपी के औरैया में मिली थी. माना जा रहा है कि वो यूपी की सीमा क्रॉस करके राजस्थान या मध्यप्रदेश की सीमा में घुस गया है.

इस बीच मारे गए सर्किल अफ़सर देवेंद्र मिश्रा की एक कथित चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. चिट्ठी में चौबेपुर पुलिस के थानेदार विनय तिवारी और गैंगेस्टर विकास दुबे की सांठगांठ का ज़िक्र है. हालांकि कानपुर के एसएसपी दिनेश प्रभु का कहना है कि अभी तक चिट्ठी का रिकॉर्ड नहीं मिला है लेकिन जांच की जा रही है.


आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी इस चिट्ठी का मुद्दा उठाया है जिन्होंने रायबरेली के गांव सरैनी पहुंचकर सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिवार से मुलाक़ात की. उन्होंने कहा कि 14 मार्च को देवेंद्र मिश्रा ने एसएसपी को चिट्ठी लिखकर गैंगेस्टर विकास दुबे और थानेदार विनय तिवारी की जुगलबंदी के बारे में एसएसपी को बताया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. संजय सिंह ने कहा कि विकास दुबे की गिरफ्तारी ना होने के दो कारण हैं. या तो योगी सरकार विकास दुबे से मिली हुई है या फिर घोर नाकारा है. जनता पिस रही है.

कहा जा रहा है कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए यूपी पुलिस अपने विभाग के संदिग्धों पर कार्रवाई कर रही है. अब तक चार पुलिसवालों पर कार्रवाई की गई है. इनमें सब इंस्पेक्टर कंवरपाल, कृष्ण कुमार शर्मा और कांस्टेबेल राजीव पर गैंगेस्टर विकास दुबे का मुख़बिर होने का आरोप है. वहीं चौबेपुर के एसओ विनय तिवारी को इसलिए सस्पेंड किया गया है क्योंकि एनकाउंटर के दौरान वो अपने साथियों को छोड़कर भाग गए थे. इनके अलावा चौबेपुर पुलिस स्टेशन के 10 कांस्टेबलों का तबादला कर दिया गया है. कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक सभी कांस्टेबल इस एनकाउंटर में जांच एजेंसी एसटीएफ के राडार पर हैं.

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