कठुआ दुष्कर्म मामला: अदालत ने एसआईटी के छह सदस्यों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया
2018 के कठुआ बलात्कार और हत्याकांड की जांच करने वाली एसआईटी के छह सदस्यों पर जम्मू की एक अदालत ने एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. न्यायिक मैजिस्ट्रेट प्रेम सागर ने यह आदेश सचिन शर्मा, नीरज शर्मा और साहिल शर्मा की याचिका पर दिया है. अपनी याचिका में इन्होंने कहा था कि कठुआ कांड में अदालत से बरी हुए अकेले अभियुक्त विशाल जंगोत्रा के ख़िलाफ़ सबूत जुटाने के दौरान एसआईटी ने उनका टॉर्चर किया था.
अदालत ने अपने फ़ैसले में जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तेजिंदर सिंह को निर्देश दिया कि रिटायर्ड एसएसपी आरके जल्ला, एएसपी पीरज़ादा नाविद, डिप्टी एसपी शेतांबरी शर्मा, निसार हुसैन, सब इंस्पेक्टर इरफ़ान वानी और केवल किशोर पर एफ़आईआर दर्ज की जाए. इस केस की अगली सुनवाई अब 11 नवंबर को होगी.
वीडियो देखिये कठुआ कांड में पठानकोट की अदालत ने इसी साल जून में पांच मुलज़िमों को आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी क़रार दिया था. जज तेजविंदर सिंह ने मंदिर के महंत सांझी राम, एसपीओ दीपक खजूरिया और प्रवेश कुमार को आपराधिक साज़िश, अपहरण, बलात्कार और हत्या का दोषी क़रार देते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी. वहीं सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और हेड कॉन्सटेबल तिलक कराज को सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए पांच साल की सज़ा सुनाई थी.
वीडियो देखिये कठुआ कांड में पठानकोट की अदालत ने इसी साल जून में पांच मुलज़िमों को आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी क़रार दिया था. जज तेजविंदर सिंह ने मंदिर के महंत सांझी राम, एसपीओ दीपक खजूरिया और प्रवेश कुमार को आपराधिक साज़िश, अपहरण, बलात्कार और हत्या का दोषी क़रार देते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी. वहीं सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और हेड कॉन्सटेबल तिलक कराज को सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए पांच साल की सज़ा सुनाई थी.
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