लातूर: दिहाड़ी मज़दूरों की तकलीफों पर मरहम का काम करती छोटी-छोटी कोशिशें

by Maitreyee Gaikwad 3 years ago Views 4651

Latur: Small attempts to heal the plight of day la
देश में संक्रमित मरीज़ों की संख्या 40 हज़ार के क़रीब पहुंच चुकी है और मौत का आंकड़ा 1300 के पार पहुंच गया है. केंद्र सरकार को लॉकडाउन का तीसरे चरण का ऐलान करना पड़ा है और इस महामारी से निबटने की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है.

40 दिन से लॉकडाउन में रहने को मजबूर दिहाड़ी मज़दूरों पर इन पाबंदियों की सबसे तगड़ी मार पड़ी है. देश के तमाम गांवों और क़स्बों में ग़रीब और मज़दूर तबके के पास राशन ख़त्म हो चुका है और मामूली बचत भी ख़र्च हो चुकी है.


वीडियो देखिये 

बड़ी तादाद में सामाजिक संगठन ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं. महाराष्ट्र के छोटे से गांव उद्गीर में ऐसा ही एक कोशिश ‘रोटी कपडा बैंक’ एनजीओ ने की है. ये संगठन  ज़रूरतमंदों तक राशन, खाना और मेडिकल सुविधा पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. संगठन का दावा है कि उसने अब तक तकरीबन 50 हज़ार लोगों तक राशन पहुंचाया है. हालांकि राहत का यह अभियान वॉलेंटियर्स के लिए बेहद जोखिम भरा रहा है.

संक्रमण ना फैले, इसके लिए संगठन सोशल डिस्टेंसिंग और साफ़ सफ़ाई के बारे में भी लोगों को जागरूक कर रहा है. यह कोशिश मामूली हो सकती है लेकिन ऐसी ही ढेर सारी कोशिशों से लाखों ग़रीब और मज़दूर तबक़े की तकलीफ़ें कम की जा सकती हैं. 

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