अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद आरएसएस चीफ का प्रेस कांफ्रेंस
आरएसएस चीफ मोहन भागवत सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे हैं।
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि जमीन विवाद पर अपना फैसला सुना दिया। सुबह 10:30 बजे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाना शुरू किया और आखिर में विवादित जमीन पर राममंदिर का निर्माण कराने का फैसला सुनाया।
राम मंदिर के निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया, जो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करेगा। साथ ही कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश भी दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा और राम जन्मभूमि न्यास की याचिका खारिज कर दी। उधर कोर्ट के इस फैसले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने नाराजगी जताई है। मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि वो कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले में कई विरोधाभास है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट ने जो कुछ कहा, ठीक कहा है।
राम मंदिर के निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया, जो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करेगा। साथ ही कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश भी दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा और राम जन्मभूमि न्यास की याचिका खारिज कर दी। उधर कोर्ट के इस फैसले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने नाराजगी जताई है। मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि वो कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले में कई विरोधाभास है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट ने जो कुछ कहा, ठीक कहा है।
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