सड़कों पर प्रवासी मज़दूर, कब होगा देश में कोरोना का ख़ात्मा ?
कोरोना महामारी की ज़द में कमोबेश दुनिया के सभी देश आ चुके हैं। हालांकि कई देशों ने इसपर काबू पा लिया है। इस महामारी की मार सबसे ज़्यादा अमेरिका पर पड़ रहा है।
दुनियाभर में कोरोना के कुल मामलों का 32.7 फीसदी अमेरिका में सामने आया है। अमेरिका में अबतक 1,325,776 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 78,762 लोगों को मौत हुई है और 223,937 लोग इलाज़ के बाद ठीक हो चुके हैं। जबकि यहां लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है।
इसके अलावा इटली ने कोरोना पर काबू पा लिया है। जबकि ब्रिटेन में लगातार पॉज़िटिव मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं स्पेन, फ्रांस बेल्जियम, जर्मनी, ईरान, निदरलैंड, तुर्की, स्विट्जरलैंड, आयरलैंड, पुर्तगाल, इंडोनेशिया और पोलैंड में भी कोरोना का ग्राफ नीचे जा रहा है और इन देशों ने लगभग कोरोना पर काबू पा लिया। इसके साथ ही इन देशों में लॉकडाउन में भी थोड़ी ढील दी गई है। वहीं भारत में लॉकडाउन के डेढ़ महीने बाद भी कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रहा है। नीति आयोग के आंकड़े बताते हैं कि देश के 733 ज़िलों में केवल 14 ज़िले ऐसे हैं जहां करीब 68 फीसदी मामले हैं। यही कारण है कि देश के अन्य ज़िलों के अन्दर लॉकडाउन में ढिलाई दी गई है। इसके बाद एक बड़ी समस्या मज़दूरों के घर वापसी का है। देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासी मज़दूरों सड़क पर आ चुके हैं। स्पेशल ट्रेन चलाने के बावजूद बड़ी संख्या में मज़दूर शहरों में फंसे हैं जो घर जाने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इनपर पुलिस डंडे भी बरसा रही है और गिरफ्तारी भी कर रही है। देश में महीनेभर का पूर्ण लॉकडाउन कितना सफल रहा ? इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं गोन्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ पंकज पचौरी।
इसके अलावा इटली ने कोरोना पर काबू पा लिया है। जबकि ब्रिटेन में लगातार पॉज़िटिव मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं स्पेन, फ्रांस बेल्जियम, जर्मनी, ईरान, निदरलैंड, तुर्की, स्विट्जरलैंड, आयरलैंड, पुर्तगाल, इंडोनेशिया और पोलैंड में भी कोरोना का ग्राफ नीचे जा रहा है और इन देशों ने लगभग कोरोना पर काबू पा लिया। इसके साथ ही इन देशों में लॉकडाउन में भी थोड़ी ढील दी गई है। वहीं भारत में लॉकडाउन के डेढ़ महीने बाद भी कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रहा है। नीति आयोग के आंकड़े बताते हैं कि देश के 733 ज़िलों में केवल 14 ज़िले ऐसे हैं जहां करीब 68 फीसदी मामले हैं। यही कारण है कि देश के अन्य ज़िलों के अन्दर लॉकडाउन में ढिलाई दी गई है। इसके बाद एक बड़ी समस्या मज़दूरों के घर वापसी का है। देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासी मज़दूरों सड़क पर आ चुके हैं। स्पेशल ट्रेन चलाने के बावजूद बड़ी संख्या में मज़दूर शहरों में फंसे हैं जो घर जाने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इनपर पुलिस डंडे भी बरसा रही है और गिरफ्तारी भी कर रही है। देश में महीनेभर का पूर्ण लॉकडाउन कितना सफल रहा ? इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं गोन्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ पंकज पचौरी।
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