मध्यप्रदेश: कोरोना से जंग जीतने वाला शख़्स अपना घर बेचने को मजबूर
जहां दुनियाभर में कोरोना के ख़िलाफ़ जारी जंग में एकजुटता देखने को मिल रही है, वहीं अपने देश में कोरोना के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है. अब मध्यप्रदेश के शिवपुरी ज़िले के दीपक शर्मा अपना मकान बेचने को मजबूर हैं जिन्होंने हाल ही में कोरोना की बीमारी को परास्त किया है.
दीपक शर्मा के मुताबिक पड़ोसी उन्हें और उनके परिवार को गलियों से गुज़रने नहीं देते. पड़ोसियों से दूध और सब्ज़ी की आपूर्ति भी बंद करवा दी है.दूधवाले से कहा गया है कि दीपक के घर के दूध देने पर उसे भी संक्रमण हो सकता है. दीपक का कहना है कि ज़िंदा रहने के लिए रोज़मर्रा के सामानों की ज़रूरत होती है. लिहाज़ा, उन्होंने अपना घर बेचकर दूसरी जगह बसने का फैसला किया है. उन्होंने अपने घर पर ‘यह मकान बिकाऊ है’ का इश्तेहार भी लगा दिया है.
वीडियो देखिए ठीक इसी तरह का वाक़या हिमाचल प्रदेश के उना ज़िले में सामने आया है. यहां 37 साल के एक शख़्स दिलशाद ने ख़ुदकुशी कर ली जिन्हें गांववाले कोरोना के नाम पर प्रताड़ित कर रहे थे. कोरोनावायरस की जांच में दिलशाद की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन इसके बावजूद गांववालों ने उनके साथ भेदभाव शुरू कर दिया था. दिलशाद ने फांसी लगाने से पहले एक लाइन का सुसाइड नोट भी छोड़ा जिसपर लिखा था, ‘मैं किसी का भी दुश्मन नहीं हूं.’
Madhya Pradesh: A man in Shivpuri who recovered from #Coronavirus says, "My neighbours ask others not to walk in lane from where my family passes,even told our milk supplier to stop supply, or they will be infected. We need essentials to live so we've decided to shift from here" pic.twitter.com/RDm1zqKJn2
— ANI (@ANI) April 13, 2020
वीडियो देखिए ठीक इसी तरह का वाक़या हिमाचल प्रदेश के उना ज़िले में सामने आया है. यहां 37 साल के एक शख़्स दिलशाद ने ख़ुदकुशी कर ली जिन्हें गांववाले कोरोना के नाम पर प्रताड़ित कर रहे थे. कोरोनावायरस की जांच में दिलशाद की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन इसके बावजूद गांववालों ने उनके साथ भेदभाव शुरू कर दिया था. दिलशाद ने फांसी लगाने से पहले एक लाइन का सुसाइड नोट भी छोड़ा जिसपर लिखा था, ‘मैं किसी का भी दुश्मन नहीं हूं.’
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