महाराष्ट्र में शिक्षा मंत्री के ऐलान से पहले लातूर के इस स्कूल में चल रहा है संविधान का पाठ
संसद से नागरिकता संशोधन बिल पर मुहर लगने के बाद आरोप लग रहे हैं कि केंद्र सरकार संविधान की मूलभावना के साथ छेड़छाड़ कर रही है. इसकी वजह से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य कर दिया गया है. मगर दिलचस्प यह है कि महाराष्ट्र के लातूर के एक स्कूल में संविधान का पाठ कई सालों से किया जा रहा है.
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि राज्य सरकार के सभी स्कूलों में 26 जनवरी से संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया जाएगा. यह ऐलान करते हुए राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि इसकी कल्पना कल्पना 2009 में की गयी थी ताकि छात्र संविधान का महत्व समझ सकें.
वीडियो देखिये मगर महाराष्ट्र के लातूर में एक स्कूल ऐसा है जहां वर्षों से प्रार्थना के बाद बच्चों को संविधान की प्रस्तावना का पाठ पढ़ाया जाता है. शंकुतला विहार इंग्लिश स्कूल की प्रधानाचार्य ने कहा कि उनके स्कूल में संविधान की प्रस्तावना का पाठ पिछले 6 साल से किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकता क़ानून को भी संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ बताया है. गणतंत्र दिवस के मौक़े पर भी इस स्कूल में संविधान की प्रस्तावना का पाठ ख़ासतौर से पढ़ा गया और इस दौरान बच्चों ने नाटक के ज़रिए संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों को याद किया गया।
वीडियो देखिये मगर महाराष्ट्र के लातूर में एक स्कूल ऐसा है जहां वर्षों से प्रार्थना के बाद बच्चों को संविधान की प्रस्तावना का पाठ पढ़ाया जाता है. शंकुतला विहार इंग्लिश स्कूल की प्रधानाचार्य ने कहा कि उनके स्कूल में संविधान की प्रस्तावना का पाठ पिछले 6 साल से किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकता क़ानून को भी संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ बताया है. गणतंत्र दिवस के मौक़े पर भी इस स्कूल में संविधान की प्रस्तावना का पाठ ख़ासतौर से पढ़ा गया और इस दौरान बच्चों ने नाटक के ज़रिए संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों को याद किया गया।
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