गुजरात में कुपोषण के मामले बढ़े, पांच महीने में 2 लाख 41 हज़ार नए मामले

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 3243

Malnutrition cases rise in Gujarat, 2 lakh 41 thou
गुजरात में कुपोषण के मामलों में अचानक उछाल आ गया है. विधानसभा में पेश नए आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 में अगस्त से दिसंबर के बीच कुपोषण के 2 लाख 41 हज़ार नए मामले सामने आए हैं. नए आंकड़े गुजरात में पोषण आहार के लिए चलने वाली तमाम योजनाओं पर सवाल खड़ा करते हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में कुपोषित बच्चों की तादाद में चौंकाने वाली बढ़ोतरी हुई है. जुलाई 2019 तक गुजरात में 1 लाख 42 हज़ार बच्चे कुपोषण का शिकार थे लेकिन दिसंबर 2019 तक राज्य में 2 लाख 41 हज़ार नए बच्चे कुपोषित हो गए. नए आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर 2019 तक राज्य में कुल कुपोषित बच्चों की संख्या 3 लाख 83 हज़ार 840 पहुंच गई है. 


गुजरात में कुपोषण के मामले तीन गुना बढ़ने का सवाल कांग्रेस ने विधानसभा में किया था. इसके जवाब में महिला एंव बाल विकास मंत्री विभावरी दवे ने कुपोषण के नए आंकड़े जारी किए. इसके मुताबिक सबसे ज़्यादा 28, 265 बच्चे बनासकांठा ज़िले में कुपोषित हैं. दूसरे नंबर पर आणंद ज़िला है जहां कुपोषित बच्चों की संख्या 26,021 है. इसी तरह आदिवासी बहुल ज़िले दाहौड़ में 22,613 पंचमहल में 20,036 और वडोदरा में 20,806 बच्चे कुपोषित हैं. सेंट्रल गुजरात के खेड़ा ज़िले में19,269 बच्चे कुपोषित पाए गए हैं. 

गुजरात सरकार कुपोषण ख़त्म करने के लिए घरेलू राशन योजना और हॉट मील्स जैसी कई योजनाएं चला रही है. इनके अलावा केंद्र सरकार पोषण आहार के लिए इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम चलाती है. पिछले साल अगस्त में पीएम मोदी ने मन की बात में भी कुपोषण से लड़ने की अपील की थी लेकिन आंकड़े उलटी कहानी बयां कर रहे हैं. 

कुपोषित बच्चों की संख्या में उछाल का सीधा मतलब यह है कि गुजरात में कुपोषण के लिए चल रही योजनाओं में कहीं न कहीं कुछ ख़ामी है. विशेषज्ञों के मुताबिक पोषण आहार में सिर्फ शाकाहारी भोजन परोसा जाना भी इसकी एक वजह हो सकता है.

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गुजरात समेत देश के कई राज्यों में कुपोषण की समस्या गंभीर है. यूनीसेफ के मुताबिक साल 2018 में पांच साल से कम उम्र के सबसे ज़्यादा 8 लाख 82 बच्चों की भारत में मौत हुई. दूसरे नंबर पर अफ्रीकी देश नाइजीरिया था जहां 8 लाख 66 हज़ार बच्चे पांच साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते मर गए. विशेषज्ञों के मुताबिक इनमें से आधे बच्चे कुपोषित होने की वजह से मरते हैं. कई राज्यों के मुक़ाबले गुजरात में शिशु मृत्यु दर भी काफी ज़्यादा है. यहां पैदा होने वाले 1000 बच्चों में से 30 बच्चों की मौत हो जाती है.

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